प्रतापगढ़ जिला ग्राम सभाओं का खाता खोलने में प्रदेश में दूसरे स्थान पर

डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी का कहना है कि ग्राम सभा का खाता खोलने में जनपद प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। जिन ग्राम सभाओं का खाता नहीं खुला है जल्द ही खाता खोलवा दिया जाएगा। पूरा प्रयास किया जा रहा है कि जिला प्रदेश में पहले स्थान पर रहे।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 05:58 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 05:58 PM (IST)
प्रतापगढ़ जिला ग्राम सभाओं का खाता खोलने में प्रदेश में दूसरे स्थान पर
डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी का कहना है कि ग्राम सभा का खाता खोलने में जनपद प्रदेश में दूसरे स्थान पर है।

प्रयागराज,जेएनएन। यूपी में ग्राम सभाओं का खाता खोलने के मामले में प्रतापगढ़ जनपद ने प्रदेश में दूसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई है। पहला स्थान बनाने वाले शामली जिले को पीछे छोडऩे को लेकर विभाग पसीना बहा रहा है। बचे हुए ग्राम सभाओं का खाता खोलने के लिए पंचायतीराज विभाग के अफसर सचिव से मॉनीटरिंग करते हुए इसे पूरा करने पर जोर दे रहे हैं। खाता खोलने की प्रगति और बेहतर हो, इसके लिए ब्लाक अफसरों को भी सचेत किया गया है।

1093 ग्राम पंचायतों का खुलना है खाता

जिले भर में 17 ब्लाक हैं। इसके अंतर्गत एक हजार 193 ग्राम पंचायतें हैं। पंचायत चुनाव में नवनिर्वाचित प्रधान गांव का विकास कार्य शुरू कराएं, इसके लिए ग्राम सभा का खाता खोलने पर जोर दिया जा रहा है। पंचायतीराज विभाग के अनुसार जिले भर की एक हजार 193 ग्राम सभाओं के सापेक्ष अभी तक 472 गांवों का खाता बैंक में खोला जा चुका है। आसपुर देवसरा की 40, बाबागंज की 46, बिहार की 53, गौरा की आठ, कालाकांकर की 34, कुंडा की 27, लक्ष्मणपुर की 39, लालगंज की 29, मंगरौरा की 17, मानधाता की 34, पट्टी की 50 ग्राम सभाओं का खाता खोला जा चुका है। इसके अलावा सदर की 15, संडवा चंद्रिका की दो, सांगीपुर की 52 व शिवगढ़ की 11 ग्राम सभा के खाते खोले जा चुके हैं। हलांकि अभी तक आधे से भी कम गांवों के खाते खोले गए हैं। विभाग का यह दावा है कि इसी सप्ताह के भीतर बचे हुए गांवों के खाते हर हालत में खोलवाए जाएंगे।

बची ग्राम सभाओं का खाता जल्‍द खुलवाने की तैयारी

गौरतलब है कि पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद 18 व 19 जून को प्रधान निर्वाचित हुए थे। इसके बाद उप चुनाव की मतगणना के बाद 25 मई को भी कुछ प्रधान निर्वाचित हुए थे। डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी का कहना है कि ग्राम सभा का खाता खोलने में जनपद प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। जिन ग्राम सभाओं का खाता नहीं खुला है, जल्द ही खाता खोलवा दिया जाएगा। पूरा प्रयास किया जा रहा है कि जिला प्रदेश में पहले स्थान पर रहे। ब्लाक के एडीओ पंचायतों व सचिवों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।

सात ब्लाक की सबसे खराब प्रगति

ग्राम सभाओं के खाते खोलवाने को लेकर ब्लाक के अफसर लापरवाही बरत रहे हैं। मॉनीटङ्क्षरग न करने की वजह से जिले के सात ब्लाक की प्रगति सबसे खराब है। इसमें बाबा बेलखरनाथ धाम के एक भी गांव के खाते सोतवार तक नहीं खोले गए थे। इसी तरह से गौरा में आठ, मंगरौरा में 17, सदर में 15 व शिवगढ़ में 11 गांवों के खाते अभी तक खोले गए है। इसके अलावा लालगंज व कुंडा की प्रगति काफी खराब चल रही है।

ऐसे खोला जाता है खाता

ग्राम पंचायत में तैनात सचिव एक प्रारूप पर प्रधान का नाम, पता आदि विवरण भरते हैं। इसके बाद उस पर प्रधान व सचिव की फोटो चस्पा होती है। उस प्रारूप को सचिव संबंधित बैंक में जाकर जमा करते हैं। एक से दो दिनों में खाता खोल दिया जाता है। इसी खाते में शासन से पैसा आता है। इसी पैसे से विकास कार्य कराया जाता है। डोंगल यानि ऑनलाइन पेमेंट करने वाली डिवाइस से संबंधित फर्म को भुगतान हो जाता है।

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