प्रयागराज में संकट, गेहूं की किल्लत होने से आटे का उत्पादन भी हो गया आधा

प्रयागराज में करीब आधा दर्जन से ज्यादा फ्लोर मिलें हैं। करीब सप्ताह भर पहले फ्लोर मिल संचालकों को 1550 से लेकर 1570 रुपये कुंतल तक गेहूं मिलता था। हालांकि इधर करीब सप्ताह भर से गेहूं की कीमत 70 से 80 रुपये कुंतल बढ़कर 1650 रुपये कुंतल तक पहुंच गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 01:41 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 01:41 PM (IST)
प्रयागराज में संकट, गेहूं की किल्लत होने से आटे का उत्पादन भी हो गया आधा
गेहूं की किल्‍लत से प्रयागराज में आटे का उत्‍पादन भी कम हो गया है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकल और वोकल पर जोर दे रहे हैं। हालांकि लोकल उत्पादन बाहर भेजे जाने से यहां समस्या उत्पन्न होने लगी है। गेहूं की रैक बांग्लादेश भेजे जाने से नैनी क्षेत्र में गेहूं की भारी किल्लत उत्पन्न होने लगी है। इससे फ्लोर मिल संचालकों को पर्याप्त गेहूं करीब एक सप्ताह से नहीं मिल रहा है। इसकी वजह से आटा, चोकर, मैदा, सूजी का उत्पादन भी घटकर लगभग आधे पर आ गया है। इससे इन सामग्रियों की कीमतों में वृद्धि होने के आसार हैं।

जिले में करीब आधा दर्जन से ज्यादा फ्लोर मिलें हैं। करीब सप्ताह भर पहले फ्लोर मिल संचालकों को 1550 से लेकर 1570 रुपये कुंतल तक गेहूं मिलता था। हालांकि इधर करीब सप्ताह भर से गेहूं की कीमत 70 से 80 रुपये कुंतल बढ़कर 1650 रुपये कुंतल तक पहुंच गया है। रेट में वृद्धि होने के साथ ही इसकी उपलब्धता भी बाजार में कम हो गई है। इसकी वजह से कई फ्लोर मिल की उत्पादन क्षमता घटकर लगभग आधी हो गई है। इससे जो आटा अभी 1750 से अट्ठारह सौ रुपये कुंतल मिल रहा है। उसकी कीमत बढ़ने की उम्मीद है। चोकर का रेट भी जो अभी 1750 रुपए हैं, इसमें तेजी आने की उम्मीद है।

1550 रुपये में मैदा

फ्लोर मिलों से अभी 1550 रुपये कुंतल में मैदा मिल रहा है। हालांकि उत्पादन का यही हाल रहा तो मैदा की कीमत में भी वृद्धि के आसार हैं।

बोले, एलसी फूड्स के डायरेक्टर
एलसी फूड्स के डायरेक्टर शोभित केसरवानी का कहना है कि नैनी क्षेत्र में गेहूं की रैक बांग्लादेश भेजी जा रही है। इससे आसपास के किसानों और व्यापारियों से गेहूं खरीद लिए जाने के कारण क्षेत्र में इसकी किल्लत हो गई है। करीब सप्ताह भर से फ्लोर मिल का उत्पादन पंद्रह सौ कुंतल प्रतिदिन से घटकर सात, साढ़े सौ कुंतल तक हो गया है। इससे माल बाहर भी आपूर्ति नहीं हो पा रहा है।

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