सिर्फ नाम के लिए है इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टलों का मेस

एक ओर तो पुलिस व इलाहाबाद विश्वविद्यालय हॉस्टलों को खाली करा रहा है। वहीं इन हॉस्टलों में रहने वाले छात्रों को यहां मेस के नाम पर घटिया खाना परोसा जाता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 12:24 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 12:24 PM (IST)
सिर्फ नाम के लिए है इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टलों का मेस
सिर्फ नाम के लिए है इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टलों का मेस

प्रयागराज : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में मेस तो है लेकिन वह सिर्फ नाम के लिए ही। मेस के खुलने और बंद होने का कोई समय नहीं है। जब मन हुआ मेस चालू कर दिया जाता है और उसे कभी भी बिना सूचना के बंद भी कर दिया जाता है। यहां जो खाना मिलता भी है वह भी घटिया क्वालिटी का होता है। सादे खाने के नाम पर 40 रुपये व स्पेशल खाने के नाम पर छात्रों से 60 रुपये लिए जाते हैं।

 छात्रों ने बयां किया अपना दर्द

छापेमारी के दौरान हॉस्टलों में रहने वाले कमरों से गैस सिलेंडर, हीटर आदि बाहर फेंकवा दिए गए। जिन कमरों में छात्र मौजूद थे, उसमें से भी सामान बाहर फेंक दिया गया। मेस की व्यवस्था ठीक न होने से यहां के अधिकांश छात्र कमरे में ही खाना बनाते हैं। छात्र संदीप का कहना है कि नियमित मेस न चलना व घटिया खाना दिया जाना आम बात है। यही हाल पीसीबी हॉस्टल के मेस का भी है। यहां पिछले दिनों से मेस बंद है। सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय के हॉस्टलों में सेंट्रेलाइज्ड मेस की व्यवस्था करने की तैयारी चल रही है।

कूलर लगाने पर 50 रुपये अतिरिक्त चार्ज

विश्वविद्यालय की ओर से सभी हॉस्टलों में पंखे लगाए गए हैं। कूलर लगाने के लिए 50 रुपये अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है। हॉस्टल के अधीक्षकों का कहना है कि किसी भी छात्र ने कूलर या हीटर लगाने की अनुमति नहीं ली है।

पीसीबी के आठ कमरों के खोले गए ताले

पीसीबी हॉस्टल में बुधवार को 43 कमरे सीज किए गए थे। इसमें आठ छात्रों ने अपना आइकार्ड दिखाया तो उनके कमरों का ताला खोल दिया गया है। कमरा नंबर तीन, 18, 35, 52, 67, 77, 85 व 233 खोले गए हैं।

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