प्रयागराज सामूहिक हत्‍याकांड: तारीख का तानाबाना बुनकर खुद उलझ गई पुलिस, ये सवाल अनुत्‍तरित हैं

पुलिस उसके पास से सिवाय मोबाइल चैटिंग के कुछ बरामद नहीं कर सकी थी। उसे 24 घंटे की रिमांड पर लेना भी बेमतलब ही साबित हुआ। वहीं उसके दो साथियों के बारे में पता चला था उनको पकड़कर पूछताछ की गई तो कुछ सामने नहीं आया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 03:50 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 03:50 PM (IST)
प्रयागराज सामूहिक हत्‍याकांड: तारीख का तानाबाना बुनकर खुद उलझ गई पुलिस, ये सवाल अनुत्‍तरित हैं
प्रयागराज के फाफामऊ कांड में जांच कर रही पुलिस ठोस नजीते पर नहीं पहुंच सकी है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के फाफामऊ में नाबालिग दलित से सामूहिक दुष्कर्म कर पूरे परिवार को मार डालने के मामले में पुलिस अभी तक कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। बावजूद इसके कि घटना के दस दिन बीत चुके हैं और मामले के राजफाश के लिए पुलिस की कई टीमें, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ लगी है। बड़े अफसर खुद पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं। आश्चर्य इस बात का है कि अभी तक तारीख ही तय नहीं है कि किस दिन पूरे परिवार की हत्या हुई। पुलिस की कहानी के मुताबिक 21 नवंबर की रात सभी का कत्ल किया गया, लेकिन यह थ्योरी पवन की गिरफ्तारी के बाद बताई गई।

पुलिस की थ्‍योरी

फाफामऊ पुलिस को पूरे परिवार की लाश 25 नवंबर को मिली थी। 28 नवंबर को पुलिस ने थरवई थानांतर्गत कोरसंड गांव के पवन सरोज को गिरफ्तार किया था। पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि 21 नवंबर की शाम पवन ने मृतक घर के मुखिया की पुत्री को मैसेज कर आइलवयू लिखा था, जिसके जवाब में किशोरी ने आइहेटयू लिख दिया था। इससे आक्रोशित होकर एकतरफा प्रेम करने वाले पवन सरोज ने अपने दो साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया था।

पुलिस अधिकारियों के समक्ष युवक ने बदला बयान

हालांकि, पुलिस उसके पास से सिवाय मोबाइल चैटिंग के कुछ बरामद नहीं कर सकी थी। उसे 24 घंटे की रिमांड पर लेना भी बेमतलब ही साबित हुआ। वहीं, उसके दो साथियों के बारे में पता चला था उनको पकड़कर पूछताछ की गई तो कुछ सामने नहीं आया। इधर, तीन दिन पहले पुलिस ने सोरांव के रहने वाले एक युवक को पकड़ा तो पता चला कि उसकी किशोरी से दोस्ती थी। वह शादी के लिए दबाव डाल रही थी, जिस कारण वह परेशान था और अपने मौसेरे भाई के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। हालांकि वह युवक पुलिस अधिकारियों के सामने क्राइम ब्रांच को दिए गए बयान से पलट गया। बताया कि 21 नवंबर को वह गुडग़ांव में था। इसके लिए वहां लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक किया जा सकता है। पुलिस टीम गुडग़ांव पहुंची। जिस कंपनी में वह नौकरी करता है, वहां लगे सीसीटीवी को देखा गया तो 21 नवंबर को वह उसमें नजर आ गया।

उठ रहे यह सवाल

अब सवाल यह है कि 21 नवंबर की तारीख को हत्या हुई, यह पुलिस कैसे कर रही है। जबकि मृत घर के मुखिया के छोटे भाई का पहले ही दिन यह कहना था कि 22 नवंबर की सुबह उसकी बड़े भाई से बातचीत हुई थी। मृतकों के घर के बाहर चाट की दुकान लगाने वाले ने पुलिस अधिकारियों को बताया था कि 23 नवंबर की शाम उसने उन लोगों को देखा था। ऐसे में हत्याकांड के साथ 21 नवंबर की तारीख को भी सुलझाने में पुलिस लगी है।

तीन-चार दिन पुराने शव में पड़ते हैं कीड़े

शवों का पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों से भी पुलिस अधिकारियों ने शुरूआत में ही बातचीत की थी। डाक्टरों ने कहा था कि सभी शव में कीड़े पड़ गए थे। ऐसा तभी होता है, जब लाश तीन-चार दिन पुरानी होती है। अगर डाक्टरों की इस बात पर गौर किया जाए तो चाट वाले की बात सही नजर आती है। 22 नवंबर की शाम उसने देखा और 25 नवंबर की सुबह सभी की लाश मिली। ऐसे में तीन दिन की थ्योरी सही साबित होती है। फिलहाल यह तो हत्याकांड के राजफाश के बाद ही पता चलेगा कि पुलिस द्वारा 21 नवंबर की जो तारीख बताई जा रही है, वह सही है या गलत।

एक को छोड़ा, 10 को पकड़ा

रविवार को पुलिस ने पिछले दिनों पकड़े गए सगे भाइयों में एक को छोड़ दिया। वहीं, फाफामऊ क्षेत्र के तीन गांवों से दस युवकों को पूछताछ के लिए थाने लाया गया है। इसमें कुछ सोरांव क्षेत्र में रहने वाले युवक के साथी हैं, जिन्होंने घटना के बाद फोन पर आपस में बातचीत की थी। वहीं कुछ मृतक अधेड़ के गांव के ही हैं, जिनका मोबाइल लोकेशन घटना वाले दिन आसपास मिली थी।

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