किस बैंक खाते में शातिरों ने लगाया गया था चेक, जांच कर रही है पुलिस Prayagraj News
रेलकर्मी मनोज कुमार पांडेय ने जब चारों युवकों से शुरू में 20 लाख रुपये की मांग की तो उसे कुछ रुपये नकद दिए गए थे। साथ ही कुछ दिन बाद दो चेक अलग-अलग तारीखों पर दिए गए थे। ये रुपये युवकों के घरवालों ने अपने खेत बेचकर दिए थे।
प्रयागराज,जेएनएन। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर चार युवकों से 20 लाख रुपये ऐंठने वाले रेलकर्मी के बारे में पुलिस अब सभी जानकारी हासिल करने में जुटी है। अभी तक उसका पता नहीं चलने के कारण पुलिस को यह जानकारी नहीं हो पाई है कि ठगी के रुपये का रेलकर्मी ने क्या किया। उसने युवकों से जो चेक लिया था, उसे किस खाते में लगाया था। पुलिस बैंक खाते के बारे में जानकारी हासिल कर उससे रुपये के लेन-देन पर रोक लगाने की तैयारी में है।
नकदी के साथ ही चेक भी दिया गया था
रेलकर्मी मनोज कुमार पांडेय ने जब चारों युवकों से शुरू में 20 लाख रुपये की मांग की तो उसे कुछ रुपये नकद दिए गए थे। साथ ही कुछ दिन बाद दो चेक अलग-अलग तारीखों पर दिए गए थे। ये रुपये युवकों के घरवालों ने अपने खेत बेचकर दिए थे।
कैसे युवकों को बनाया गया था ठगी का शिकार
कौशांबी जनपद के सैनी थानांतर्गत सुभाष नगर निवासी जितेंद्र कुमार, उसके सगे, ममेरे और चचेरे भाई को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा पहले रेलकर्मी मनोज कुमार पांडेय के पुत्र अंकित पांडेय ने दिया था। उसने चारों को अपने रेलकर्मी पिता मनोज कुमार पांडेय से मुलाकात कराई थी। सभी से दस-दस लाख रुपये मांगे गए थे। पहले पांच-पांच लाख देने और काम होने के बाद शेष रकम देने को कहा गया था। युवकों को ऐसे झांसे में फंसाया गया कि उन लोगों ने 20 लाख रुपये दे दिए थे। इसके बाद नियुक्ति पत्र दिया गया, जो बाद में फर्जी निकल गया था। इस पर जितेंद्र ने खुल्दाबाद थाने में पिता-पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने अंकित काे गिरफ्तार कर लिया था, जबकि मनोज पांडेय अभी तक हाथ नहीं लगा है। उसकी तलाश की जा रही है।