कभी श्रीलंका तक जाती थीं संतोष स्वीटस की मिठाइयां व मिल्क केक, यहां की मटके वाली लस्सी के भी मुरीद हैं शहरी
तेलियरगंज में फाफामऊ की ओर जाने वाली सड़क पर संतोष स्वीट्स आज जाना पहचाना नाम है। इस दुकान पर छेने खोवे और सूखे मेवे से बनी मिठाई मिलती है लेकिन यहां मिलने वाला मिल्क केक अपने निराले स्वाद के चलते मशहूर है। इनका मिल्क केक श्रीलंका तक पहुंच चुका है।
प्रयागराज, जेएनएन। तेलियरगंज में फाफामऊ की ओर जाने वाली सड़क पर संतोष स्वीट्स आज जाना पहचाना नाम है। करीब बयालिस साल पुरानी इस दुकान पर छेने, खोवे और सूखे मेवे से बनी हर प्रकार की मिठाई मिलती है लेकिन यहां मिलने वाला मिल्क केक अपने निराले स्वाद के चलते मशहूर है। इनका मिल्क केक श्रीलंका तक पहुंच चुका है। श्रीलंका में जब भारतीय शांति सेना तैनात थी तो प्रयागराज के जवान अपने साथियों और खुद के लिए यहां से मिल्क केक पैक कराके ले जाते थे।
बयालिस साल पुरानी है मिठाई व नमकीन की यह दुकान
हनुमान चंद्र चौरसिया ने यह दुकान आज से करीब 42 साल पहले खोली थी। तब खपरैलनुमा इस दुकान में वे एक-दो कारीगरों के साथ कुछ मिठाई और समोसा-मठरी आदि बनाते थे। तेलियरगंज का पुराना पोस्ट आफिस तब इसी दुकान के बगल हुआ करता था। आज यहां हर तरह की मिठाई, दालमोठ के अलावा फास्ट फूड व कन्फेक्शनरी आइटम भी मिलते हैं।
यहां की मटके वाली लस्सी का टेस्ट है लाजवाब
हनुमानचंद्र चौरसिया के सुपुत्र और संतोष स्वीट्स कन्फेक्शनरी एंड बेकर्स के वर्तमान स्वामी मुकेश चौरसिया ने बताया कि उनके यहां छेना, खोवा और ड्राई फ्रूट से बनने वाली मिठाइयों की तमाम वेराइटी उपलब्ध हैं। दालमोठ की भी दर्जनों किस्में हैं। शुगर फ्री मिठाइयां भी मिलती हैं लेकिन हमारी दुकान की लस्सी और मिल्क केक ज्यादा मशहूर है। लस्सी की दही जमाने के लिए हम शुद्ध दूध का इस्तेमाल करते हैं। मटके में देते हैं जो पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभकारी है। हमारे यहां बना मिल्क केक कई दिनों तक खराब नहीं होता है। यही कारण है कि 1985-86 के दौर में जब श्रीलंका में भारतीय शांति सेना तैनात थी तो स्थानीय रेड ईगल डिवीजन के सैनिक भी उसमें शामिल थे। वह हमारी दुकान से मिल्क केक पैक कराके श्रीलंका ले जाते थे। खुद खाने के साथ साथियों को भी देते थे।
बेकरी आइटम के साथ मिलता है कोल्ड व साफ्ट ड्रिंक भी
संतोष स्वीट्स में बेकरी आइटम के अलावा फास्ट फूड में पिज्जा, बर्गर, मंचूरियन, चाऊमिन, डोसा, इडली भी मिलती है। इनकी अपनी बेकरी है जहां पर स्वादिष्ट केक भी बनते हैं। केक के ताजा होने के कारण बर्थडे, सालगिरह और अन्य मौकों पर लोग उनकी दुकान से ले जाना पसंद करते हैं। बताया कि दुकान की बगल में बैठकर खाने की भी सुविधा है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल अभी पैकिंग की ही सुविधा दी जा रही है। सुबह आठ बजे से दुकान देर शाम दस बजे तक खुली रहती है। सभी मिठाइयों का निर्माण यहां शुद्ध देशी घी से किया जाता है।