पहले बनाएं यात्रा की योजना, नहीं होगी आरक्षण की समस्या

कोरोना काल में मानव जीवन की रक्षा प्राथमिकता है। रेलवे कई मार्गो पर सीमित स्पेशल ट्रेन चला रहा है। पहले यात्रा की योजना बना लें नहीं तो आरक्षण की समस्या होगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 08:49 PM (IST) Updated:Fri, 21 Aug 2020 06:03 AM (IST)
पहले बनाएं यात्रा की योजना, नहीं होगी आरक्षण की समस्या
पहले बनाएं यात्रा की योजना, नहीं होगी आरक्षण की समस्या

कोरोना काल में मानव जीवन की रक्षा प्राथमिकता है। रेलवे कई मार्गो पर सीमित स्पेशल ट्रेन चला रहा है। समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि यात्रा से पहले योजना बनाकर संबंधित ट्रेन में निर्धारित तिथि का टिकट आरक्षित करा लें। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) प्रयागराज अमिताभ गुरुवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय फोन इन कार्यक्रम प्रश्न पहर में पाठकों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों की मांग देखते हुए और ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है जिस पर रेल मंत्रालय निर्णय लेगा। प्रस्तुत है सवाल-जवाब के प्रमुख अंश..।

सवाल : तत्काल टिकट नहीं मिल रहा है?

जवाब : स्पेशल ट्रेनें सीमित हैं। यात्रा की योजना बनाकर आगे की तिथि का आरक्षण कराएं, आसानी से मिलेगा।

सवाल : उज्जैन के लिए ट्रेन कब चलेगी?

जवाब : ट्रेन के लिए प्रतीक्षा करें।

सवाल : रोज प्रतापगढ़ से प्रयागराज जाते हैं। बस का किराया महंगा पड़ता है।

जवाब : लखनऊ रेल मार्ग हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। ट्रेनों के सामान्य संचालन के लिए प्रतीक्षा करनी होगी। ट्रेनें कब तक चलेंगी, कहना मुश्किल है।

सवाल : कौशांबी में भरवारी से मनोहरगंज के बीच मरधरा गांव में रेलवे लाइन के आरपार जाने का कोई साधन नहीं है।

जवाब : शीघ्र निरीक्षण कराके समस्या का समाधान कराने की कोशिश करेंगे।

सवाल : नैनी स्टेशन पर ओवरब्रिज बना है लेकिन सीढि़यों की जगह छूटी है, कब तक बनेंगी?

जवाब : शीघ्र ही मौका मुआयना करके समस्या दूर करने का प्रयास करेंगे।

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अनारक्षित ट्रेनें चलाने की दरकार

रेलवे अभी सीमित संख्या में कुछ ही रूटों और शहरों के लिए ट्रेनों का संचालन कर रहा है। इन ट्रेनों में आरक्षण कराकर सफर की बाध्यता है लेकिन आरक्षण नहीं मिल पा रहा है। लोग परेशान हैं। यदि अनारक्षित ट्रेनें चला दीं जाएं तो लोगों को कुछ सुविधा हो सकती है लेकिन कोरोना के चलते संकट है।

रोज आने-जाने वालों को दिक्कत

प्रयागराज से नौकरी या व्यापार के सिलसिले में तमाम लोग रोजाना लखनऊ, कानपुर, प्रतापगढ़, अयोध्या, चित्रकूट, वाराणसी, मीरजापुर, फतेहपुर, कौशांबी आते-जाते हैं लेकिन ट्रेनों के नहीं चलने से उन्हें दिक्कत हो रही है। बसें तो मिल रही हैं, अन्य संसाधन भी हैं लेकिन किराया जेब पर भारी पड़ रहा है।

अब धूम्रपान पर की जाएगी सख्ती

पान, तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट के सेवन व बिक्री पर रेल क्षेत्र में मनाही है। आरपीएफ-जीआरपी को सख्ती से चेकिग करने को कहा जाएगा। वैसे यह समस्या स्व जागरूकता का भी विषय है। सबको पता है कि धूम्रपान से स्वास्थ्य को हानि होती है तो लोगों को इन चीजों से खुद भी दूर रहना चाहिए।

निजीकरण नहीं, सुविधाएं बढ़ेंगी

कुछ ट्रेनों के संचालन का जिम्मा निजी क्षेत्र को देना निजीकरण नहीं कहा जा सकता है। इसमें रेल व्यवस्था में सुधार के लिए निजी क्षेत्र को अवसर देने की बात निहित है। कुछ चुनिदा रूटों व ट्रेनों में ही यह पहल की जा रही है। असुविधा न होगी क्योंकि रेलवे का नियंत्रण व देखरेख इस प्रणाली पर रहेगी।

हर परीक्षा के लिए ट्रेन संभव नहीं

प्रतियोगी परीक्षा के लिए स्पेशल ट्रेन चलाना अभी संभव नहीं। कोई ऐसी परीक्षा हो जिसमें बहुत बड़ी संख्या में प्रतियोगी शामिल हो रहे हैं तो संबंधित परीक्षा एजेंसी, राज्य व केंद्र सरकार की पहल पर स्पेशल ट्रेन चलाने का कोई निर्णय लिया जा सकता है जिस तरह श्रमिक स्पेशल ट्रेनें संचालित की गई थीं।

इन्होंने भी पूछे सवाल

मदनलाल हनुमानगंज, शीतला प्रसाद पांडेय विश्वविद्यालय मार्ग, श्याम कुमार कसौधन राजापुर, शिवशंकर पटेल पट्टी प्रतापगढ़, जवाहरलाल मूरतगंज कौशांबी, राकेश यादव प्रतापगढ़, आरपी दुबे झूंसी, रामदुलार सोरांव, दीनानाथ गुप्ता मांडा, मो.इजराइल मानिकपुर प्रतापगढ़, राघवराम मिश्रा कोहड़ौर प्रतापगढ़, छोटेलाल दिलीपपुर प्रतापगढ़, हरिशंकर सिंह कौंधियारा, कृष्ण कुमार गुप्ता सुलेमसराय, सुशील सिंह शांतिपुरम फाफामऊ, श्वेता भारद्वाज चौफटका, दिनेश कुमार लीडर रोड, विजय त्रिमूर्ति सहसों, घनश्याम जायसवाल नैनी, गिरधारीलाल मौर्य सिराथू कौशांबी।

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