Pitru Paksha: पितरों की तृप्ति को पिंडदान, प्रयागराज में गंगा-यमुना के संगम तट पर तर्पण को भीड़

Pitru Paksha आज पूर्णिमा तिथि पर प्रयागराज संगम पर तर्पण करने वालों की भीड़ है। कल 21 सितंबर को प्रतिप्रदा तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। सनातन धर्म में पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने का भी विधान बताया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:04 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:04 AM (IST)
Pitru Paksha: पितरों की तृप्ति को पिंडदान, प्रयागराज में गंगा-यमुना के संगम तट पर तर्पण को भीड़
प्रयागराज में गंगा-यमुना नदियों के संगम पर पितरों की तृप्ति के लिए पिंडदान हो रहा है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के संगम तट भक्तों से गुलजार हो गया है। पितरों की तृप्ति के लिए सनातन धर्मावलंबी पिंडदान व तर्पण कर रहे हैं। सोमवार को पूर्णिमा तिथि के मृतकों का श्राद्ध व तर्पण किया जा रहा है। संगम तट पर तर्पण व पूजन करने के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंच रहे हैं। संगम में डुबकी लगाकर तीर्थ पुरोहितो के निर्देशानुसार तर्पण कर रहे हैं। पितृपक्ष कल यानी मंगलवार से शुरू हो रहा है।

पितृपक्ष की प्रतिप्रदा का श्राद्ध कल

कल 21 सितंबर को प्रतिप्रदा तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। सनातन धर्म में पितृपक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने का भी विधान बताया गया है। सनातन धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व माना जाता है। इसकी शुरुआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से होती है और समाप्ति आश्विन अमावस्या के दिन होती है। इन 16 दिनों की अवधि में पितरों का श्राद्ध कर्म किया जाता है।

पितृपक्ष को लेकर यह मान्‍यता है

मान्यता है पितृपक्ष के दिनों में हमारे पूर्वज धरती पर अपने परिवार के लोगों से अपनी मुक्ति और भोजन लेने के लिए मिलने आते हैं। इसलिए इस दौरान पिंडदान, तर्पण, हवन और अन्न दान का विशेष महत्व माना जाता है।

इस संबंध में ज्‍योतिषियों ने पितृपक्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्राद्ध पक्ष के दौरान पूर्वज अपने परिजनों के हाथों से तर्पण स्वीकार करते हैं। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने का भी विधान बताया गया है। बताया कि मान्यता है जो लोग इस दौरान सच्ची श्रद्धा से अपने पितरों का श्राद्ध करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। पितृ पक्ष में दान- पुण्य करने से कुंडली में पितृ दोष दूर हो जाता है। ऐसा भी कहा जाता है जो लोग श्राद्ध नहीं करते उनके पितरों की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती और पितृ दोष लगता है। इसलिए पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितरों का श्राद्ध जरूरी माना जाता है।

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