Allahabad university में पीएचडी प्रवेश में धांधली ! शिक्षाशास्त्र विभाग में जाति विशेष को प्रवेश देने का आरोप

शिक्षाशास्त्र विभाग और दर्शनशास्त्र विभाग में पीएचडी प्रवेश में धांधली के आरोप लगाए गए हैं। मामले की लिखित शिकायत कुलपति के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और इविवि की चीफ रेक्टर यानी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से की गई है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 06:50 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 06:50 AM (IST)
Allahabad university में पीएचडी प्रवेश में धांधली ! शिक्षाशास्त्र विभाग में जाति विशेष को प्रवेश देने का आरोप
दर्शनशास्त्र विभाग में भी अनियमितता के लगाए गए आरोप

प्रयागराज, जागरण संवाददाता।  इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के शिक्षाशास्त्र विभाग और दर्शनशास्त्र विभाग में पीएचडी प्रवेश में धांधली के आरोप लगाए गए हैं। मामले की लिखित शिकायत कुलपति के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और इविवि की चीफ रेक्टर यानी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से की गई है। हालांकि, इविवि प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

ओबीसी वर्ग में जाति विशेष को ही प्रवेश दिया

इविवि छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री शिवम सिंह ने पत्र में लिखा है कि शिक्षाशास्त्र विभाग में सत्र 2020-21 के तहत पीएचडी में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। 22 जुलाई को साक्षात्कार में 41 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया। आरोप लगाया है कि चयन समिति ने ओबीसी वर्ग में जाति विशेष को ही प्रवेश दिया है। शिवम ने मामले की जांच करने और नए सिरे से प्रवेश की मांग उठाई है। इसके अलावा अन्य तमाम छात्रों ने विभागाध्यक्ष पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए चयनितों की सूची इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दी है। वहीं, दर्शनशास्त्र विभाग में इविवि के अलावा महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (वर्धा) के टापर अभिनंदन पांडेय ने भी प्रवेश में अनियमितता का आरोप लगाया है। अभिनंदन का आरोप है कि सामान्य श्रेणी में टाप करने पर भी प्रवेश से वंचित कर सभी सीटों पर जेआरएफ अभ्यर्थियों को वरीयता से प्रवेश दे दिया गया।

पीआरओ का यह है कहना

क्रेट के द्वारा किसी भी छात्र के अंतिम चयन के लिए उसका क्रेट स्कोर, एकेडमिक स्कोर और इंटरव्यू में प्रदर्शन आधार होते हैं। साक्षात्कार एवं अंतिम चयन प्रक्रिया नियत रूप से गठित समिति के द्वारा पारदर्शिता के साथ और नियमानुसार पूरी की गई। इसके अलावा किसी छात्र का विश्वविद्यालय विशेष से टापर होना मेरिट में उसके स्थान पर असर नहीं डालता है। अभिनंदन पांडेय क्रेट 2020 में टॉपर नहीं थे। अंतिम मेरिट सूची में उनसे ऊपर कई छात्र थे।

-डाक्टर जया कपूर, जनसंपर्क अधिकारी, इविवि

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