Murder Case: मुंबई में पकड़े गए अशोक और कान्हा ठाकुर, प्रयागराज लेकर आ रही पुलिस
फाफामऊ के गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई थी। मृतक अधेड़ की पुत्री के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया था। मृतकों के स्वजनों ने गांव के ही 11 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें एक महिला भी शामिल थी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नाबालिग दलित से दुष्कर्म कर पूरे परिवार को मार डालने के मामले में नामजद किए गए 11 आरोपितों में दो को मुंबई में पकड़ लिया गया है। दोनों से वहीं घंटों पूछताछ कर पुलिस उनको लेकर यहां आ रही है। यहां उनकी डीएनए जांच होगी। साथ ही उनके मोबाइल की काल डिटेल को खंगाला जाएगा।
पकड़ने के बाद की गई पूछताछ
फाफामऊ थाना क्षेत्र के एक गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई थी। मृतक अधेड़ की पुत्री के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया था। मृतकों के स्वजनों ने गांव के ही 11 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें एक महिला भी शामिल थी। पुलिस ने महिला समेत आठ आरोपितों को घटना के दूसरे दिन ही पकड़ लिया था, जबकि एक अस्पताल में भर्ती है। दो के बारे में पता चला कि वे मुंबई में हैं। इनके नाम अशोक और कान्हा ठाकुर थे। इनको पकड़ने के लिए शनिवार को टीम यहां से रवाना हुई थी। मंगलवार सुबह दोनों को स्थानीय पुलिस की मदद से पकड़ लिया गया। वहीं पर दोनों से पूछताछ की गई। वे मुंबई कब आए थे और घटना के बारे में क्या जानते हैं, इस तरह के तमाम सवाल पूछे गए। इसके बाद दोनों को वहां से लेकर टीम प्रयागराज के लिए रवाना हो गई है।
गंगे और सोनू पकड़ से बाहर
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पवन कुमार सरोज निवासी कोरसंड थाना थरवई के दो साथी गंगे और सोनू की तलाश में पुलिस टीम पुणे और लखनऊ की खाक छान रही है। सोनू की तलाश में लखनऊ गई टीम को उसकी लोकेशन मिल रही है, लेकिन जब टीम वहां पहुंचती है तो उसकी लोकेशन बदल जाती है। ऐसे में उसके तक पहुंचने में पुलिस को दिक्कत हो रही है।
आरोपित महिला की तबीयत खराब होने पर भेज दिया घर
फाफामऊ थाने में पकड़कर बंद किए गए आठ आरोपितों में चार को सोमवार को एक पुराने मामले में पुलिस ने जेल भेज दिया था, जबकि महिला समेत चार आरोपितों को थाने में ही रखा गया था। सोमवार को महिला की तबीयत खराब होने पर उसे घर भेज दिया गया। वहीं भट्ठे से पूछताछ के लिए दो दिन से बैठाए गए छह मजदूरों को भी मंगलवार को छोड़ दिया गया, जबकि भट्ठा मालिक और उसका पुत्र अभी थाने में ही हैं।