लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले याचियों ने सुरक्षा मांगी तो हाई कोर्ट ने पूछा- आपका रिश्ता क्या है?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरी में कार्यरत लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले याचियों के सर्विस रिकॉर्ड सहित एक हफ्ते में राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा मांगा है। साथ ही याचियों से पूरक हलफनामा मांगते हुए पूछा है कि आपका रिश्ता क्या है? क्या वे शादीशुदा हैं या नहीं?

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 10:57 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 10:57 PM (IST)
लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले याचियों ने सुरक्षा मांगी तो हाई कोर्ट ने पूछा- आपका रिश्ता क्या है?
हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरी में कार्यरत लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले याचियों के सर्विस रिकॉर्ड सहित जवाबी हलफनामा मांगा है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरी में कार्यरत लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले याचियों के सर्विस रिकॉर्ड सहित एक हफ्ते में राज्य सरकार से जवाबी हलफनामा मांगा है। साथ ही याचियों से पूरक हलफनामा मांगते हुए पूछा है कि आपका रिश्ता क्या है? क्या वे शादीशुदा हैं या नहीं? अपनी सरकारी नौकरी की सेवा शर्तों सहित पूरा ब्योरा पेश करें।

हाई कोर्ट से याची ने कहा कि वे 2012 से लिव-इन-रिलेशनशिप में हैं। एसपी बरेली को लिखे पत्र में याची ने स्वयं को दूसरे याची की पत्नी बताया है। लेकिन, कोर्ट में दाखिल याचिका में नहीं लिखा कि वे विवाहित हैं। हाई कोर्ट अब याचिका पर सुनवाई सात दिसंबर को करेगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी व न्यायमूर्ति डॉ. वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने हरदोई की प्रज्ञा सिंह व बरेली के मेराज अली की याचिका पर दिया है। याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाह ने पक्ष रखा। याचिका में उनके शांतिपूर्ण जीवन में विपक्षियों के हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग की गयी है।

याचिका में सरकारी नौकरी का जिक्र नहीं किया गया है जबकि दोनों सरकारी नौकरी में हैं। इस पर कोर्ट ने नौकरी का पूरा ब्योरा पेश करने सहित यह बताने को कहा कि उनके संबंध क्या हैं। वे विवाहित हैं अथवा नहीं स्पष्ट करे।

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