इलाहाबाद हाई कोर्ट में कोरोना काल में दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर याचिका, शीघ्र सुनवाई की मांग

कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका पर सुनवाई न होने पर उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 09:38 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 09:51 AM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट में कोरोना काल में दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर याचिका, शीघ्र सुनवाई की मांग
दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। (फाइल फोटो)

प्रयागराज, जेएनएन। शारदीय नवरात्र में दुर्गा पूजा का विशेष विधान है, लेकिन कोरोना संक्रमण काल के बीच मां दुर्गा की आराधना कैसे होगी? उसे लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है। कोरोना संक्रमण के दौरान दुर्गा पूजा के आयोजन को लेकर अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका पर सुनवाई न होने पर उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट को लिखे पत्र में कहा कि दुर्गा पूजा का पर्व भव्यता से मनाया जाता है, परंतु सरकार व प्रशासन की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं होने से श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति है। उन्हें न्यायालय से उम्मीद है। इसके मद्देनजर याचिका की शीघ्र सुनवाई कर निर्देश जारी किया जाए, जिससे दुर्गा पूजा व दशहरा मानने की स्थिति स्पष्ट हो सके।

मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा गया है कि दुर्गा पूजा का पर्व आने वाला है और सरकार व स्थानीय प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। ऐसे में श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति है। उनको मात्र न्यायालय से ही उम्मीद है, इसलिए लंबित याचिका की सुनवाई कर निर्देश जारी करें, ताकि त्योहार मानने को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सके।

बता दें कि शारदीय नवरात्रि का पर्व इस साल 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस साल 17 सितंबर 2020 को श्राद्ध खत्म हो गए हैं। इसके अगले दिन अधिकमास शुरू हो गया है, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। इसके बाद 17 अक्टूबर से नवरात्रि व्रत रखें जाएंगे। शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। शारदीय मास की नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस समय में किया गया जप, तप और हवन साधक को विशेष लाभ पहुंचाता है। जगह-जगह पांडाल सजते हैं। शारदीय नवरात्रि के नवें दिन महानवमी का त्योहार मनाया जाता है और मां दुर्गा को विदा कर दिया जाता है। इसके बाद महनवमी के अगले दिन विजयदशमी यानी दशहरे का त्योहार मनाया जाता है।

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