कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों का दामन थाम प्रयागराज में लोग बोले, मैं हूं ना...होगी पूरी देखभाल

केजी से पीजी तक की शिक्षा निश्शुल्क उपलब्ध कराने के लिए बारा विधायक अजय भारती ने ऐलान किया है। उनके कई शिक्षण संस्थान हैं। निराश्रित बच्चों को न सिर्फ मुफ्त शिक्षा दिलाएंगे बल्कि उनकी ड्रेस किताबें और किसी भी जगह से स्कूल पहुंचाने के लिए बस का खर्च भी उठाएंगे।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 06:05 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 07:07 PM (IST)
कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों का दामन थाम प्रयागराज में लोग बोले, मैं हूं ना...होगी पूरी देखभाल
135 चिह्नित बच्चों में 63 बालिकाएं और 65 बालक शामिल हैं, जिनके सिर से माता या पिता का साया छिना

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों की मदद के लिए सामाजिक संगठनों, समाजसेवियों और प्रबुद्ध लोगों के अलावा विश्वविद्यालय, स्कूल-कालेज प्रबंधन और कोचिंग संचालकों ने भी व्यवस्था की है। ऐसे बच्चों की मदद के लिए लोग आगे आ रहे हैं। इसके अलावा लोगों को सहयोग करने की जरूरत है। कुल 135 चिह्नित बच्चों में 63 बालिकाएं और 65 बालक शामिल हैं, जिनके सिर से माता या पिता का साया छिना है। जबकि सात ऐसे बच्चे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की संक्रमण से मौत हुई। सरकार ने इन बच्चों की देखभाल के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत चार हजार रुपये प्रतिमाह देने का निर्देश दिया है।

बारा विधायक का अपने शिक्षण संस्थान में निश्शुल्क शिक्षा का ऐलान

केंद्रीय इलाहाबाद विश्वविद्यालय समेत उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने कोरोना पीडि़त बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दिलाने का निर्णय लिया है। इनसे पहले प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय से संबंद्ध नवाबगंज स्थित रामदुलारी बच्चूलाल जायसवाल महाविद्यायल के संस्थापक राकेश जायसवाल व प्रबंधक लक्ष्मी नारायण जायसवाल ने उच्च शिक्षा पूरी तरह से निश्शुल्क कराने की घोषणा की है। केजी से पीजी तक की शिक्षा निश्शुल्क उपलब्ध कराने के लिए बारा विधायक अजय भारती ने ऐलान किया है। बताया कि उनके कई शिक्षण संस्थान हैं। इसमें निराश्रित बच्चों को न सिर्फ मुफ्त शिक्षा दिलाएंगे बल्कि उनकी ड्रेस, किताबें और जिले के किसी भी जगह से स्कूल तक पहुंचाने के लिए बस का खर्च भी उठाएंगे। इसके लिए निराश्रित बच्चों के अभिभावकों को जिला प्रशासन से मिले सर्टिफिकेट के साथ स्कूल जाना होगा। हालांकि अभी तक किसी भी अभिभावक ने दस्तक नहीं दी है। माना जा रहा है कि नए सत्र से कुछ बच्चों का एडमिशन कराया जाएगा। कर्नल एकेडमी के निदेशक प्रवीण सिंह ने ऐसे छात्र, जिनके माता-पिता में से कोई संक्रमण की वजह से दिवंगत हुए हैं, तो आनलाइन व आफलाइन तैयारी निश्शुल्क कराने का निर्णय लिया है। उधर, क्षत्रीय सोनार युवा समिति की ओर से दो परिवार के बच्चों की अर्थिक मदद की गई। समिति के प्रमुख संरक्षक शिव शंकर वर्मा ने बताया कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह और पूर्व राज्य मंत्री अच्छे लाल सोनी के साथ मिलकर जार्ज टाउन और मेंहदौरी के रहने वाले दो परिवार को आर्थिक मदद मुहैया कराई। बाबा समाजसेवी संस्था के अध्यक्ष सतीश केसरवानी ने बताया कि तीन परिवार के निराश्रित बच्चों की मदद की गई। इसमें महामंत्री मनोज केसरवानी, धीरज व अजय ने भी इस काम में सहयोग किया।

ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों को चिह्नित करने में हुई दिक्कत

संक्रमणकाल में ऐसे बच्चों को चिह्नित करने में जिला प्रोबेशन विभाग ने खंड विकास अधिकारियों की मदद ली। ब्लाकों में जाकर बैठक कर बच्चों के बारे में जानकारी ली गई। हालांकि जिला प्रोबेशन विभाग के कई कर्मचारियों का कहना है कि कुछ जगहों पर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों का सहयोग नहीं मिला। इसकी वजह से कठिनाई भी हुई। 60 से 70 किलोमीटर तेज धूप में बाइक चलाकर पहुंचने पर जवाब मिलता था कि हमारा स्टाफ फील्ड पर है। आपकी कोई मदद नहीं की जा सकती। ऐसे में कर्मचारियों को गांव-गांव घूमकर डाटा जुटाना पड़ा।

65 आवेदन और पहुंचे जिला प्रोबेशन कार्यालय

135 निराश्रित बच्चों को चिह्नित कर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाया जा रहा है। इसी क्रम में 65 और आवेदन जिला प्रोबेशन कार्यालय में पहुंचे हैं। जल्द इनका भी सत्यापन कराने के बाद सरकारी योजना का लाभ दिलाया जाएगा।

बेसहारा बच्चों का पूरा ख्याल

कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की देखभाल और पढ़ाई के खर्च के रूप से चार हजार रुपये उनके बैंक खाते में भेजने की शुरुआत हो गई है। सरकार की मंशा के अनुरूप योजना का लाभ दिलाने का पूरा प्रयास भी किया जा रहा है। निराश्रित बच्चों के 65 और आवेदन आए हैं। आगे भी आवेदन मिलने पर सत्यापन कर योजना का लाभ दिया जाएगा।

- पंकज कुमार मिश्रा, जिला प्रोबेशन अधिकारी

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