वैवाहिक कार्यक्रम में लोग भूले कोरोना संक्रमण, महामारी के एक्सपर्ट इसे बता रहे खतरे की दावत
महामारी पर अध्ययन कर रहे कॉल्विन अस्पताल के डॉक्टर संजीव कुमार का कहना है कि कहीं भीड़ लगाना संक्रमण की चेन बनाने जैसा है। खाना बनाने वाले बैंड पार्टी रोशनी और फूलों की सजावट वाले भी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए सावधान सभी को रहना होगा।
प्रयागराज, जेएनएन। इन दिनों शादी-विवाह का दौर चल रहा है। अनेक घरों में शहनाई बज रही है और दावतों का दौर शुरू है। बरातों में लोग नाच-गा रहे हैं तो रिश्तेदार भी कोरोना संक्रमण से बेफिक्र हो आपस में घुल-मिल रहे हैं। महामारी के एक्सपर्ट इसे खतरे की दावत करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि वक़्त कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के बीच का है इसलिए बेहद सावधानी की जरूरत है।
अपनी सुरक्षा स्वयं करें : डाक्टर संजीव
महामारी पर अध्ययन कर रहे कॉल्विन अस्पताल के डॉक्टर संजीव कुमार का कहना है कि कहीं भीड़ लगाना चाहे वह अनजान लोगों के बीच हो या रिश्तेदारों के साथ, संक्रमण की चेन बनाने जैसा है। शादी-विवाह ऐसा अवसर होता है, जिसमें घर में यदि कोई बीमार हो तो भी शामिल हो जाता है। जबकि खानपान सामग्री बनाने वाले, बैंड पार्टी, रोशनी और फूलों की सजावट वाले भी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए सावधान सभी को रहना होगा, बिलकुल उसी तरह जैसे कोरोना संक्रमण के चरम दौर में रहते हैं।
बच्चों के प्रति रहें सचेत : डॉक्टर कुमार
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से कोई इनकार नहीं कर रहा है। और तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बच्चों को घर में ही रखा है। अब सहालग का सीजन चल रहा है ऐसे मौके पर भी बच्चों की लेकर सतर्कता बरतनी होगी। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर डी. कुमार का कहना है कि बच्चे अभी वैक्सीनेटेड नहीं हैं, अस्थमा के रोगी बच्चों का इम्यून कमजोर होता है। इसलिए भीड़ अनजान लोगों की हो या अपनों की, बच्चों को वहां ले जाना खतरा ही है। कोरोना से सजगता रखेंगे तो तीसरी लहर की संभावना को टाला भी जा सकता है।
शादी-विवाह में अतिरिक्त सावधानी बरतें
महामारी के खतरे से बचने के लिए आपस में, अपनों के बीच भी शारीरिक दूरी बनाकर रहें तो कोरोना संक्रमण से बचाव हो सकता है और घर मे शादी-विवाह का अवसर है तो अपने साथ रिश्तेदारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आवश्यक है।