पीसीएस विशेष भर्ती 2018 के मुख्य परीक्षा परिणाम को Allahabad High Court में चुनौती

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस विशेष भर्ती 2018 के मुख्य परीक्षा परिणाम व चयन परिणाम की वैधता की चुनौती देने वाली याचिका पर विपक्षी चयनित अभ्यर्थियों को नोटिस जारी की है और उनसे याचिका पर छह हफ्ते में जवाब मांगा है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:12 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 12:15 AM (IST)
पीसीएस विशेष भर्ती 2018 के मुख्य परीक्षा परिणाम को Allahabad High Court में चुनौती
चयनित अभ्यर्थियों को नोटिस जारी, हाई कोर्ट ने छह हफ्ते में मांगा जवाब

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस विशेष भर्ती 2018 के मुख्य परीक्षा परिणाम व चयन परिणाम की वैधता की चुनौती देने वाली याचिका पर विपक्षी चयनित अभ्यर्थियों को नोटिस जारी की है और उनसे याचिका पर छह हफ्ते में जवाब मांगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि केवल राज्य सरकार व आयोग को सुनकर फैसला करना उचित नहीं होगा।

स्केलिंग  लागू नहीं करने को दी गई है चुनौती

इस याचिका में वैकल्पिक विषय में स्केलिंग लागू नहीं करने को चुनौती देते हुए नये सिरे से मुख्य परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग की गई है साथ ही मूल अंक और स्केल अंक की जानकारी भी मांगी है। लोकसेवा आयोग ने विशेषज्ञ समिति की राय पर वैकल्पिक विषय में स्केलिंग किए बगैर परिणाम घोषित किया है। इस पर हाई कोर्ट ने तीन सवाल किए हैं कि क्या आयोग को वैकल्पिक विषय की स्केलिंग न करने की छूट है, अधिकांश के अंकों में असामान्यता नहीं होने पर स्केलिंग नहीं होगी और चयन पूरा होने के बाद क्या मुख्य परीक्षा परिणाम पर हस्तक्षेप किया जा सकता है। इन मुद्दों पर अब 30 नवंबर को सुनवाई होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने अखंड प्रताप सिंह की याचिका पर दिया है।

दोनों परिणाम रद कर नए सिर से घोषित करने की है मांग

याची प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा में सफल हुआ था। उसका साक्षात्कार भी हुआ लेकिन मेरिट में नहीं आने पर चयनित नहीं हो सका तो याचिका दायर कर मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय में स्केलिंग लागू नहीं करने को चुनौती दी है। 23 जून 2020 को मुख्य परीक्षा परिणाम घोषित किया गया था और 11 सितंबर 2020 को चयन परिणाम घोषित किया गया। दोनों को रद कर नये सिरे से परिणाम घोषित करने की मांग की गई है।

चयनित अभ्यर्थियों को सुने बिना आदेश देना उचित नहीं

यूपी लोकसेवा आयोग का कहना था कि संजय सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत विशेषज्ञ समिति ने 26 फरवरी 2020 को रिपोर्ट दी। लोकसेवा आयोग ने अनुमोदन भी कर दिया। वैकल्पिक विषय में स्केलिंग लागू किए बगैर परिणाम घोषित किया गया है। हाई कोर्ट ने रिकॉर्ड तलब किया था और कहा कि चयनित अभ्यर्थियों को सुने बिना आदेश देना उचित नहीं होगा।

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