दीपावली पर प्रयागराज के अस्‍पतालों के मरीज हुए परेशान, देखभाल करने चिकित्‍सीय स्‍टाफ ही नहीं था

दीपावली पर सरकारी अस्‍पतालों में भर्ती अधिकांश मरीजों को छोटी दिवाली तक डिस्चार्ज कर दिया गया था। जिनकी हालत गंभीर थी वह भर्ती थे। उन्हें समय पर देखने के लिए डाक्टर नहीं पहुंचे। अधिकांश चिकित्‍सीय स्‍टाफ छुट्टी पर था इससे मरीजों का हाल-खबर लेेने वाला कोई नहीं था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 05 Nov 2021 03:08 PM (IST) Updated:Fri, 05 Nov 2021 03:08 PM (IST)
दीपावली पर प्रयागराज के अस्‍पतालों के मरीज हुए परेशान, देखभाल करने चिकित्‍सीय स्‍टाफ ही नहीं था
दीपावली में चिकित्सा स्टाफ की बेहद कमी से सरकारी अस्पतालों में भती्र मरीज बेहाल हुए।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को दीपावली पर कष्‍ट हुआ। कष्‍ट इसलिए नहीं वे अपने परिवार के साथ पर्व की खुशियां नहीं मना पाए, बल्कि मलाल कुछ और ही था। उन्‍हें इस बात का दर्द था कि जिस वार्ड में वे भर्ती थे, उनकी हाल-खबर लेने के लिए चिकित्‍सीय स्‍टाफ ही नहीं था। यह समस्‍या शहर के एक सरकारी अस्‍पताल की नहीं थी, बल्कि तमाम हास्पिटल में यही हाल था।

दीपावली पर तमाम चिकित्‍सा स्‍टाफ छुट्टी पर था

सरकारी अस्‍पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों को दीपावली के एक दिन पूर्व से ही समुचित इलाज नहीं मिल पाया। कहीं डाक्टर राउंड पर नहीं गए तो कहीं स्टाफ रूम से मरीज के तीमारदारों को निराश होकर लौटना पड़ा। इसकी वजह थी दीपावली के अवसर पर तमाम चिकित्सा स्टाफ छुट्टी लेकर घर चले गए हैं। हालांकि अधिकांश मरीजों को छोटी दिवाली तक डिस्चार्ज कर दिया गया था। जिनकी हालत गंभीर थी, वह भर्ती थे। उन्हें समय पर देखने के लिए डाक्टर नहीं पहुंचे।

इन सरकारी अस्‍पतालों का हाल

शहर के काल्विन अस्पताल, बेली अस्पताल और स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में सबसे ज्यादा डेंगू वाले मरीज भर्ती हैं। प्लेटलेट्स की कमी के चलते इन मरीजों को अक्सर इमरजेंसी में त्वरित इलाज की जरूरत पड़ती है। आर्थो यानी हड्डी विभाग के वार्ड में भी मरीज भर्ती हैं। एसआरएन अस्‍पताल के पल्मोनरी विभाग, सर्जरी, ट्रामा सेंटर, महिला व पुरुष जनरल वार्ड में मिलाकर 100 से अधिक मरीज भर्ती हैं।

भर्ती मरीजों को हुई परेशानी

एसआरएन में भर्ती फूलपुर निवासी भूरेलाल ने बताया कि बुधवार शाम से डाक्टर राउंड पर नहीं आए। एक दो जूनियर डाक्टर जरूर आए थे, बाकी कोई जरूरत पडऩे पर नर्सें आ जाती हैं। कहा कि जब सीनियर डाक्टर देखने नहीं आए तो उन्हें अपनी समस्या भी बता सके। बेली अस्पताल में भर्ती मनोहर लाल और काल्विन अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती शबनम ने भी बताया कि दीपावली पर डाक्टर साहब देखने नहीं आए। शरीर में तकलीफ थी, दवा के लिए किससे बात करते। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में तो ट्रामा सेंटर के तीन मरीजों को आपरेशन के लिए दीपावली के बाद का समय देकर डाक्टर चले गए।

सीएमओ ने कहा, कराई जाएगी जांच

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नानक सरन ने कहा कि सभी अस्पतालों में निर्देश दिए जा चुके थे कि दीपावली के दिन वार्ड में भर्ती किसी भी मरीज की तकलीफ दूर करने के लिए इमरजेंसी में स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाए। कहा कि यदि डाक्टर राउंड पर नहीं गए तो शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी।

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