Panchayat Poll 2020 : प्रयागराज के हर गांव में दिखने लगे 'भावी' प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य
Panchayat Poll 2020 प्रयागराज के गांवों में प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के भावी दावेदार नजर आने लगे हैं। आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण की घोषणा कर दी है।
प्रयागराज, जेएनएन। चुनाव आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत पोल के मद्देनजर वोटर लिस्ट पुनरीक्षण की तारीखों की घोषणा कर दी है। इसके बाद प्रयागराज में भी सरगर्मी बढ़ गई है। इसी क्रम में जिले के कौंधियारा विकास खंड के 57 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के प्रत्याशियों की चर्चा जोर पकडऩे लगी है। हर गांव में 'भावी' प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य भी नजर आने लगे हैं।
आरक्षण प्रक्रिया को लेकर ऊहापोह की स्थिति
प्रत्याशियों में आरक्षण प्रक्रिया को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। प्रत्याशी भगवान भरोसे उम्मीद लगा रहे हैं। दावेदार चक्रानुक्रम को लेकर काफी आशान्वित हैैं। गांवों में चर्चा है कि अगर नियमों की बात करें तो 2010 में पहला चक्रानुक्रम पूरा होने के बाद 2015 में दूसरा चक्रानुक्रम लागू हुआ है। एक चक्रानुक्रम में कुल चार चरण होते हैं। इसलिए 2020 आरक्षण का दूसरा चरण होगा। नियमानुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 23 प्रतिशत आरक्षण के अनुसार विकास खंड की 14 ग्राम पंचायतें इनके लिए आरक्षित होंगी।
खास बातें
14 ग्राम पंचायतें एससीएसटी व 15 गांव ओबीसी के लिए होंगी आरक्षित
57 ग्राम पंचायतों वाले कौंधियारा में 28 सीटें ही बचेंगी सामान्य वर्ग की।
जातीय जनगणना के प्रतिशत के अनुसार 2015 में आरक्षित हुई थी सीट
इसी तरह 27 प्रतिशत पिछड़ी जाति के लिए 15 ग्राम पंचायतें आरक्षित होंगी। बताते हैैं कि 57 ग्राम पंचायतों वाले कौंधियारा विकास खंड में 28 सीटें सामान्य वर्ग के लिए बचेंगी। बताया जा रहा है कि महिलाओं का आरक्षण जातीय आरक्षण में समाहित रहेगा। आरक्षण के नियमों की बात करें तो जो सीटें जातीय जनगणना के प्रतिशत के अनुसार 2015 में आरक्षित हुई थी। उन्हें छोड़कर उसी के आगे अवरोही क्रम में जातीय जनगणना के अनुसार 2020 में अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति व पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित की जानी चाहिए।
मतदाता सूची में नामों को जोडऩे एवं कटाने की भी तैयारी
सामान्य आरक्षण की व्यवस्था लागू किए जाने पर 10 प्रतिशत 28 में 3 ग्राम पंचायतें सामान्य के लिए आरक्षित होने की संभावना है। फिलहाल अभी तो सभी वर्गों के प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में रिझाने का प्रयास कर रहे हैं। मतदाता सूची में नामों को जोडऩे एवं कटाने के लिए सभी अध्ययन में जुटे हुए।