Panchayat Chunav पर हर तरफ चर्चा, पूछते हैं गांव वाले, कोरोनवा तो चला जाई, ई बताओ परधान के बनी
गांव गिराव के चौराहों अड्डों पर जीत-हार का मंथन चालू है। भले ही परिणाम दो मई को आए लेकिन कई उम्मीदवार विजयी होने की स्वघोषणा कर चुके हैं। खासकर प्रधान प्रत्याशी अब गांव के मुहल्लों की नब्ज टटोलने में लगे हैं कि उन्हें कितना मत वाकई में मिले।
प्रयागराज, अमित सिहं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण का मतदान समाप्त हो गए हैं। ऐसे में गांव गिराव के चौराहों, अड्डों पर जीत-हार का मंथन चालू है। भले ही परिणाम दो मई को आए लेकिन कई उम्मीदवार विजयी होने की स्वघोषणा कर चुके हैं। खासकर प्रधान प्रत्याशी अब गांव के मुहल्लों की नब्ज टटोलने में लगे हैं कि उन्हें कितना मत वाकई में मिले। वह सुबह-शाम गंवई मठाधीशों से अपनी पीठ थपथपवाते हैं। एक गजब बात यह भी है कि कोरोना की चर्चा दूर-दूर तक नहीं नजर आती है। यादि कोई गलती से पूंछे भी तो झट से कहते हैं, कोरनवा चला जाई, ई बताओ परधान के बनी।
चौराहों पर जीत-हार का मंथन जारी
ग्रामसभा चंदौकी में इस बार प्रत्याशियों की जीत की दर पचास-पचास प्रतिशत है। कारण, मैदान में केवल दो ही प्रत्याशी थे। उसी गांव के चौराहे पर शाम को चाय की दुकान पर मतदाता अपने-अपने समीकरण की सार्थकता को प्रमाणित कर रहे थे। मतदाता नीरज यादव ने कहा कि इस बार के चुनाव भी पिछली बार की तरह रहा, हमेशा से ही भारी रहा पक्ष इस बार भी विजेता बनेगा। वहीं ज्ञान सिंह का कहना है कि लड़ाई बेहद काटें की हुई है, कुछ भी कहना जल्दबादी होगा। उधर तारडीह गांव में तो खजानची चाय-पान की दुकान पर तो सुबह से ही प्रत्याशियों का मजमा लग जाता है। पांच प्रत्याशियों को तो बस परिणाम का इंतजार है, माला तो उन्होंने मतदान वाले ही दिन ही पहन लिया था। दुकान पर बैठे ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि पिछले 25 वर्षों से इस प्रकार का चुनाव नहींं हुआ है। इस बार किसी भी प्रत्याशियों पर अनुमान लगाना भी बेमानी होगी। जीत-हार का अंतर महज 20 वोटों पर देखा जा सकता है । चंद्रप्रकाश मिश्र ने कहा कि इस चुनाव में घर-घर के वोट बंट गए हैं। फिर भी एक प्रत्याशी को गांव वालों को भरकर वोट दिए हैं। इसी क्रम में कनेहटी, बाबूगंज, बीरभानपुर, पाली सहित अन्य ग्रामसभाओं में मंथन जोरों पर है। परिणाम आने तक लगातार बैठकों में इजाफा होती रहेंगी।