Paddy Purchase Center: एक नवंबर से नहीं बदले जा सकेंगे क्रय केंद्र, जानें क्रय नीति में क्‍या हुए हैं बदलाव

Paddy Purchase Center एक नवंबर से 28 फरवरी तक धान की खरीद होगी। धान खरीद के लिए अभी तक विपणन के 17 व पीसीएफ के करीब 24 क्रय केंद्र खोले जा चुके हैं। इस बार क्रय संबंधी कई बदलाव किए गए हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 02:48 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 05:39 PM (IST)
Paddy Purchase Center: एक नवंबर से नहीं बदले जा सकेंगे क्रय केंद्र, जानें क्रय नीति में क्‍या हुए हैं बदलाव
धान खरीद के लिए इस बार क्रय नीति में बदलाव किए गए हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। धान की खरीद शुरू होने में अब महज 12 दिन ही शेष बचे हैं। हालांकि अभी तक राइस मिलरों ने धान की कुटाई करने के लिए एग्रीमेंट नहीं किया है। वह अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। राइस मिलरों ने धान की कुटाई करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इस बार क्रय नीति में बदलाव किया गया है। क्रय नीति में बदलाव के अंतर्गत पहली नवंबर के बाद क्रय केंद्रों में बदलाव नहीं किया जाएगा। हालांकि पहले बदलाव कर दिया जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

एक से 28 नवंबर तक होगी धान की खरीद

प्रतापगढ़ में एक नवंबर से 28 फरवरी तक धान की खरीद होगी। धान खरीद के लिए अभी तक विपणन के 17 व पीसीएफ के करीब 24 क्रय केंद्र खोले जा चुके हैं। पीसीएफ के करीब चार क्रय केंद्र खोलने की कवायद चल रही है। इस बार क्रय संबंधी कई बदलाव किए गए हैं। पहले जहां धान की खरीद के दौरान क्रय केंद्र में बदलाव हो जाता था, लेकिन इस बार नहीं होगा। एक नवंबर से जिन केंद्रों पर खरीद होगी, उस पर अंतिम समय तक खरीद होती रहेगी।

राइस मिलर्स हड़ताल पर, अफसरों का बढ़ा तनाव

राइस मिलर्स के करीब माह भर से हड़ताल पर होने से खाद्य विभाग के अफसरों का तनाव बढ़ गया है। राइस मिल संघ ने मांग की है कि मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रांतों की तरह कुटाई की दर में बढ़ोतरी की जाए। ऐसा न किए जाने से वह काम करने को तैयार नहीं होंगे। 10 साल पहले के हिसाब से उनको कमीशन दिया जा रहा है। डीजल सहित अन्य के दाम बढऩे से उनका काफी नुकसान हो रहा है।

प्रतापगढ़ के डिप्‍टी आरएमओ ने कहा

डिप्टी आरएमओ अजीत कुमार त्रिपाठी ने बताया कि राइस मिल संचालक हड़ताल पर हैं। इस वजह से अभी तक एग्रीमेंट की कार्रवाई नहीं हो हो सकी है। इस ओर प्रयास किया जा रहा है ताकि किसानों को धान बेचने में कोई असुविधा न उठानी पड़े।

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