Oxygen crisis: प्रयागराज की बीपीसीएल कंपनी में प्रतिदिन 05 हजार सिलिंडर ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता, फिर से चलाने की कवायद शुरू
शासन की ओर से यह प्रपोजल पास हो जाता है। तो सिलेंडर की कमी को दूर किया जा सकता है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के प्रयास से वर्ष 1969 में इस कंपनी की स्थापना की गई थी। उन दिनों प्रतिदिन 5000 सिलेंडर बनाने का काम करते थे।
प्रयागराज, जेएनएन। कोविड-19 के चलते इन दिनों आक्सीजन के सिलेंडर के लिए हायतौबा मची है। इस कमी को पूरा करने के लिए प्रतिदिन 5000 ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने की क्षमता रखने वाली भारत पंप एंड कंप्रेशर्स लिमिटेड (बीपीसीएल) को एक बार फिर चालू कराने के लिए जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। जिला अधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कंपनी मेंं फिर से उत्पादन कार्य शुरू करने के लिए एक प्रपोजल बनाकर शासन को भेजने का निर्णय लिया गया है।
आठ साल पहले बंद हो गया था उत्पादन
अगर शासन की ओर से यह प्रपोजल पास हो जाता है। तो सिलेंडर की कमी को दूर किया जा सकता है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के प्रयास से वर्ष 1969 में इस कंपनी की स्थापना की गई थी। जिसमें 2000 कर्मचारियों को रोजगार मिला था, जो उन दिनों प्रतिदिन 5000 सिलेंडर बनाने का काम करते थे। ऑक्सीजन सिलेंडर की डिमांड कम हो जाने से आठ साल पहले इसका उत्पादन बंद कर दिया गया था । कम्प्रेशर सिलेंडर का निर्माण किया जाता था। पिछले दिसंबर माह मेंं कंपनी को बंद कर दिया गया। इन दिनों ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को पूरा करने के लिए इसका उत्पादन कार्य फिर से शुरू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्पादन शुरू हुआ तो दूर हो जाएगी ऑक्सीजन की कमी
बीपीसीएल एम्पलाइज यूनियन के पूर्व महामंत्री आरएलडी दुबे का कहना है की कंपनी के 70 फ़ीसदी कर्मचारी निकल चुके हैं, इसके बावजूद आज भी कंपनी के कर्मचारियों में प्रतिदिन डेढ़ से दो हजार सिलेंडर बनाने की क्षमता है। अगर सरकार की ओर से उत्पादन कार्य शुरू किया गया तो ऑक्सीजन के सिलेंडर कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है। कंपनी के पास वर्तमान समय में करीब 500 से अधिक सिलेंडर बने हुए पड़े हैं, जिसे फिनिशिंग करने के बाद उपलब्ध कराया जा सकता है। साथ ही कर्मचारी भी देश हित को ध्यान में रखते हुए पूरी क्षमता के साथ उत्पादन कार्य में अपना पसीना बहाने को तैयार हैं।जरूरत है भारत सरकार के आदेश की।