बकाया एजेंसियों का, खामियाजा भुगत रहे लोग
सीवर लाइन बिछने और घरों में कनेक्शन होने के महीनों बाद नहीं बनी सड़कें गलियां
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केस एक : राजरूपपुर निवासी सुदीप केसरवानी करीब चार-पांच महीने पहले कहीं जा रहे थे। कालिदीपुरम क्षेत्र के भाऊराव देवरस में सड़क खराब होने से गिर गए थे, जिससे उनका पैर टूट गया था।
केस दो : सुगम विहार के रहने वाले चटर्जी दादा करीब साल भर पहले बैंक से घर जा रहे थे। महर्षि रोड पर सादाब चौराहे से आगे बढ़ने पर बदहाल सड़क के कारण गिरकर घायल हो गए थे।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज: दो योजनाओं के तहत सीवर लाइन बिछाने एवं घरों में कनेक्शन के लिए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा शहर को अलग-अलग डिस्ट्रिक्ट में बांटकर काम कराया जा रहा है। इन कामों के लिए करीब दर्जन भर एजेंसियां चयनित की गई हैं। एजेंसियों का करोड़ों रुपये का भुगतान बकाया है, जिसकी वजह से सीवर लाइन बिछाने और कनेक्शन कराने के लिए खोदी गई सड़कें व गलियां ज्यादातर मोहल्लों की नहीं बन सकी हैं। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूअल मिशन के तहत डिस्ट्रिक्ट डी में शहर दक्षिणी में सीवर लाइन के ज्यादातर काम कराए गए। इस काम के लिए सात एजेंसियां चयनित की गई थीं। अमृत योजना के तहत डिस्ट्रिक्ट ए, बी और सी में शहर उत्तरी और शहर पश्चिमी में ज्यादातर काम कराए जा रहे हैं। अमृत योजना में एजेंसियों को 10 साल मेंटिनेंस की भी जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन, प्रदेश सरकार से एजेंसियों का भुगतान न होने से खोदी गई ज्यादातर सड़कें और गलियां बन नहीं पा रही हैं। पार्षद अखिलेश सिंह का कहना है कि राजरूपपुर और कालिदीपुरम क्षेत्रों में करीब डेढ़-दो साल पहले जहां काम कराए गए, वहां भी सड़कें और गलियां नहीं बनीं। सांस्कृतायन स्कूल, कैलाश मंडपम के समीप की तीन गलियां, मार्ग नंबर एक और सात, 30 फीट रोड से हरिनाथ त्रिपाठी के घर तक की गली खस्ताहाल है। लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल है। कई बार शिकायत करने पर भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। पूर्व पार्षद विनय मिश्रा का कहना है कि बाघंबरी गद्दी में दिव्याभा डिग्री कॉलेज के सामने, बाबा जी के मंदिर के पास और शिवाजी मार्ग की गलियां बर्बाद कर दी गई हैं। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल है।
डिस्ट्रिक्ट के नाम- प्रोजेक्ट लागत (करोड़ में)
डिस्ट्रिक्ट ए- 299
डिस्ट्रिक्ट बी- 310.84
डिस्ट्रिक्ट सी- 170
डिस्ट्रिक्ट डी- 91.88
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किस एजेंसी का कितना बकाया (करोड़ में)
एमएस इंफ्राकान प्राइवेट लिमिटेड-16
लार्सन एंड टुब्रो- 08
पासवंत एनर्जी एंड एन्वायरमेंट-17
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-कुल प्रोजेक्ट लागत-871.72 करोड़
बयान--
डिस्ट्रिक्ट बी योजना में एजेंसी का 16 करोड़ बाकी है। 10 करोड़ के लिए शासनादेश हो गया है लेकिन, जारी नहीं हुआ। कई महीने से एजेंसियों के भुगतान में विलंब होने के कारण सड़कों और गलियों का जीर्णोद्धार कराने में दिक्कत हो रही है। बकाया भुगतान होने पर तेजी से काम कराया जाएगा।
संतोष कुमार, परियोजना प्रबंधक गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई।