प्रयागराज की भारत पंप्स एंड कंप्रेशर लिमिटेड कंपनी को बंद करने का आदेश, हटाए जाएंगे 140 कर्मी

13 मई को मुख्य महाप्रबंधक (सीएमडी) सुनील परवानी को मेल कंपनी पहुंचा तो कर्मचारियों का उत्साह ठंड पड़ गया। ई मेल आया कि भारी उद्योग मंत्रालय के निर्देशानुसार बिना देरी किए हुए हफ्ते भर के अंदर सभी कर्मचारियों को रिटायर कर दिया जाय।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 07:00 AM (IST)
प्रयागराज की भारत पंप्स एंड कंप्रेशर लिमिटेड कंपनी को बंद करने का आदेश, हटाए जाएंगे 140 कर्मी
भारत पंप्स एंड कंप्रेशर लिमिटेड (बीपीसीएल) के बंदी का आदेश गया है।

प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना महामारी से लोगों की जान बचाने के लिए आक्सीजन सिलिंडर सप्लाई का आर्डर ले चुकी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पंप्स एंड कंप्रेशर लिमिटेड (बीपीसीएल) के बंदी का आदेश गया है। यहां काम कर रहे 140 कर्मचारी अगले दो-चार दिन में रिटायर कर दिए जाएंगे। इस संबंध में मेल आने के बाद कर्मचारी निराश हैं। कंपनी को प्रदेश सरकार ने ढाई हजार आक्सीजन सिलिंडर का आर्डर दिया था, उसकी सप्लाई भी फंस सकती है।

कंपनी ने पिछले साल करीब 60 करोड़ के पंप और कंप्रेशर बनाकर बेंचे थे

औद्योगिक क्षेत्र नैनी में स्थिति बीपीसीएल में रसोई गैस से लेकर हर तरह के सिलिंडर, आयल कंपनियों या भारी उद्योगों में लगने पंप और कंप्रेशर बनते थे। 2012 में सिलिंडर निर्माण का काम बंद करवा दिया गया था। जबकि कंप्रेशर और पंप का काम चल रहा था। कंपनी ने पिछले साल करीब 60 करोड़ के पंप और कंप्रेशर बनाकर बेंचे थे। पिछले महीने भी यहां से करीब छह करोड़ के पंप और कंप्रेशर बेचे गए। यह पिछले साल का आर्डर था। इस कंपनी को भारी उद्योग मंत्रालय दिसंबर में बंद कर दिया था। उसके बाद यहां पर तैनात कर्मचारियों को वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) दिया जा रहा था। सभी कर्मचारियों से वीआरएस का फार्म भरवा लिया गया। उनको तीन साल का वेतन देकर रिटायर कर देना था। इसी बीच कोरोना की आफत आ गई। कोरोना में आक्सीजन सिलिंडर की देशभर में भारी किल्लत हुई। आक्सीजन सिलिंडर न मिलने से बड़े पैमाने पर लोगों की मौत होने लगी। अप्रैल के आखिरी हफ्ते में डीएम भानुचंद्र गोस्वामी को पता चला कि बीपीसीएल से आक्सीजन सिलिंडर बनवाए जा सकते है। उन्होंने तत्काल कंपनी के अधिकारियों कर्मचारियों से बात की और कहा कि आप लोग इस आपदा काल में सिलिंडर बना दें। कर्मचारी तैयार हुए और इसका प्रस्ताव बनाकर कमिश्नर संजय गोयल के माध्यम से शासन को भेजा गया। शासन ने 27 अप्रैल को ढाई हजार सिलिंडर का आर्डर कर दिया। कहा कि 21 दिन में उन्हें सिलिंडर सप्लाई कर दें, वह 3.68 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए। सरकार से आर्डर मिलते कंपनी में काम शुरू हो गया। यहां पर 140 कर्मचारी बचे थे, उनको नई ऊर्जा मिल गई और उम्मीद थी उनकी नौकरी बच जाएगी। यह लोग बड़े उत्साह से काम कर रहे थे। आक्सीजन के नए सिलिंडरों का उत्पादन शुरू हो गया और लाइसेंस देने के लिए ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) की टीम आने वाली थी। लेकिन 13 मई को मुख्य महाप्रबंधक (सीएमडी) सुनील परवानी को मेल कंपनी पहुंचा तो कर्मचारियों का उत्साह ठंड पड़ गया। ई मेल आया कि भारी उद्योग मंत्रालय के निर्देशानुसार बिना देरी किए हुए हफ्ते भर के अंदर सभी कर्मचारियों को रिटायर कर दिया जाय। फिलहाल इस मामले पर कंपनी प्रबंधन का कोई बोलने को तैयार नहीं है।

क्या है सरकार की मंशा

सरकार की मंशा है कि कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों को रिटायर कर दिया जाय। उसके बाद इन कर्मचारियों को ठेके पर रखकर आक्सीजन सिलिंडर बनाने का काम करवाया जाय। जिससे इस दौरान उन्हें कर्मचारियों के वेतन पर खर्च कम करना पड़ेगा।

कर्मचारियों में आक्रोश

बीपीसीएल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्रीराम यादव ने बताया कि सीएमडी का ई मेल आने के बाद सभी लोग निराश हैं। जिस उत्साह से काम कर रहे थे, वह ठंडा पड़ गया। वीआरएस के बाद यहां कोई कर्मचारी ठेके पर नहीं करेगा। सरकार ने जो ढाई हजार सिलिंडर का आर्डर दिया था, वह शायद पूरा न हो पाए।

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