किडनी निकालने के मामले में तीन डॉक्टरों के खिलाफ जांच के आदेश, प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल का मामला
याची अखिलेश कुमार ने कोर्ट को दी गई शिकायत में कहा है कि उसने अपने भाई अखिलेश को 27 अगस्त को एसआरएन में भर्ती किया था। भर्ती के समय उसका स्वास्थ्य अच्छा था। सांस लेने में थोड़ी तकलीफ हो रही थी स्वजनों को बताए बगैर उसे गायब कर दिया गया।
प्रयागराज, जेएनएन। किडनी निकालने के मामले में कोर्ट ने स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) के तीन डॉक्टरों के विरुद्ध जांच के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज कुशवाहा एसपी सिटी को निर्देश दिया है कि वे प्रकरण की जांच कर अपनी आख्या 22 दिसंबर तक कोर्ट में प्रस्तुत करें। फूलपुर के सौरहा गांव निवासी याची मिथलेश कुमार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आदेश दिया है।
याची अखिलेश कुमार ने कोर्ट को दी गई शिकायत में कहा है कि उसने अपने भाई अखिलेश को 27 अगस्त को एसआरएन में भर्ती किया था। भर्ती के समय उसका स्वास्थ्य अच्छा था। सांस लेने में थोड़ी तकलीफ हो रही थी, तभी स्वजनों को बताए बगैर उसे गायब कर दिया गया। स्टॉफ ने भी घरवालों को कुछ नहीं बताया, जिस कारण वह तलाश करते रहे।
शिकायत एसएसपी से की गई थी
इसके बाद 28 अगस्त को बताया गया कि मरीज की हालत बेहद गंभीर है। वेंटीलेटर पर है। उसे कोरोना हुआ है और बाद में मौत हो गई। घरवालों की जिद पर लगाई गई लाश दिखाई गई तो पता चला कि पेट में चीरा लगा है, जबकि पेट व सीने में कोई तकलीफ नहीं लगी थी। आरोप लगाया कि उसके शरीर से किडनी निकाली गई थी। इस घटना की शिकायत एसएसपी से की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कोर्ट ने पूरे मामले की जांच के आदेश एसपी सिटी को दिया
याची के अधिवक्ता कुश कुमार पांडेय ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में मरीज की मौत सुबह 9:54 बजे बताया गया और मैसेज 10:46 अस्पताल की ओर से किया गया। डॉक्टर बी सिंह, डॉ. बी गुप्ता और डॉक्टर आर यादव ने लापरवाही की। अर्जी पर कोर्ट ने पूरे मामले की जांच के आदेश एसपी सिटी को दिया है।