बेली अस्‍पताल में नहीं चली ओपीडी तो मायूस लौटे मरीज

बेली अस्‍पताल के डाक्‍टरों व कर्मचारियों की हड़़ताल से यहां आने वाले मरीजों की दिक्‍कत हुई। ओपीडी बंद होने से उन्‍हें मायूस होकर वापस जाना पड़ा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 12:26 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 02:53 PM (IST)
बेली अस्‍पताल में नहीं चली ओपीडी तो मायूस लौटे मरीज
बेली अस्‍पताल में नहीं चली ओपीडी तो मायूस लौटे मरीज

जासं, इलाहाबाद : तीन महीने से वेतन न मिलने से नाराज तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली) के डॉक्टर और कर्मचारी बुधवार को हड़ताल पर चले गए थे। इससे ओपीडी न चलने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रहीं। चिकित्सक व कर्मचारियों ने प्रमुख अधीक्षक कार्यालय के बाहर धरना दिया। वहीं गुरुवार को ओपीडी की सेवा सुचारु रही। हालांकि कल की भी मरीजों की भीड़ आज रही। लंबी लाइन में लगकर मरीज अपनी बारी की प्रतीक्षा करते दिखे़।

 तीन महीने से अस्पताल में तैनात डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टॉफ, स्टॉफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा था। अस्पताल प्रशासन इसकी वजह नए पोर्टल ई-कुबेर की गड़बड़ी बता रहा है, लेकिन कर्मचारियों का आरोप था कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से ऐसा हुआ। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के जिला महामंत्री और चिकित्सा स्वास्थ्य के मंडलीय महामंत्री आशीष कुमार पांडेय ने आरोप लगाया कि प्रमुख अधीक्षक डॉ. नीति श्रीवास्तव करीब डेढ़ महीने छुट्टी पर रहीं। आठ सितंबर को उन्होंने ज्वाइन किया फिर भी किसी के खाते में वेतन नहीं गया। एक सप्ताह से वेतन मिलने का आश्वासन दिया जा रहा है। मंगलवार को प्रमुख अधीक्षक ने तीन बार कर्मचारियों को बैंक दौड़ाया लेकिन वेतन नहीं मिला। इससे नाराज डॉक्टर एवं अन्य स्टॉफ ने बुधवार सुबह 10 बजे से हड़ताल शुरू कर दी। कामकाज ठप कर कर्मचारी एवं अन्य स्टॉफ प्रमुख अधीक्षक कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए।वहीं गुरुवार को अस्‍पताल में मरीजों की भीड़ अधिक दिखी और ओपीडी में चिकित्‍सकों को चेक कराने में घंटों का समय लग गया।

 माहौल बिगड़ते देख पुलिस भी बुला ली गई। प्रमुख अधीक्षक की डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ कई बार वार्ता हुई, लेकिन वेतन न मिलने तक वह कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। करीब डेढ़ बजे जैसे-तैसे करके एक महीने के वेतन की व्यवस्था की गई, तब हड़ताल खत्म हुई। लेकिन ओपीडी दो बजे तक होने से मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा।

बोले मरीज और तीमारदार :

मेरी डायलिसिस चल रही है। डॉ. ओपी त्रिपाठी से जांच करानी थी, लेकिन उनके चेंबर में ताला लगा है। हड़ताल के कारण दिखा नहीं सके।

-खुर्शीद अहमद, करमा बाजार

पोते प्रियांशु को दिखाने के लिए हड्डी के डॉक्टर के पास आए थे लेकिन हड़ताल के कारण डॉक्टर नहीं बैठे। सुबह से इंतजार करते रहे।

-हरी लाल, लालगोपालगंज

पत्नी लीलावती का हाथ टूट गया है। उन्हें डॉक्टर को दिखाने के लिए सुबह ही आ गए, लेकिन यहां आने पर मालूम चला कि हड़ताल है।

-सीताराम पटेल, सोरांव

मौसी संगीता देवी के कान में दिक्कत है। उनका इलाज कराने के लिए सुबह से ही आ गए लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल के कारण घंटों इंतजार करना पड़ा।

-अनुज कुमार, मलाक बेला रहाइसपुर

वेतन के लिए नया पोर्टल ई-कुबेर बना है। तकनीकी खामियों से वेतन का भुगतान नहीं हो सका। हालांकि, 45 स्टॉफ को 14 सितंबर को ही भुगतान हो गया था। बुधवार को दो बजे तक ज्यादातर स्टॉफ का वेतन भुगतान हो गया। बचे स्टॉफ का वेतन गुरुवार को मिल जाएगा।

-डा. नीति श्रीवास्तव, प्रमुख अधीक्षक बेली हॉस्पिटल। 

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