कौशांबी में बैंक लगा रहे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना को पलीता

योजना लांच होने के बाद जिला प्रशासन व जिला उद्योग विभाग की ओर से बेरोजगारों और उद्यमियों का चयन कर बैंक शाखाओं में ऋण के लिए पत्रावलियां भी भेजी गईं लेकिन शाखा प्रबंधकों ने अधिकतर पत्रावलियों को वापस कर दिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 06:00 AM (IST)
कौशांबी में बैंक लगा रहे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना को पलीता
शाखा प्रबंधकों की उदासीनता की वजह से यह योजना जिले में फ्लाप हो रही है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने जनपद में रोजगार विकसित करने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना लांच की है। कौशांबी जनपद में बड़े पैमाने पर उत्पादित फल केला को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में शामिल किया गया। योजना के तहत केला से अन्य उत्पाद बनाने के लिए किसानों और उद्यमियों को मजबूत बनाना है, लेकिन शाखा प्रबंधकों की उदासीनता की वजह से यह योजना जिले में फ्लाप हो रही है, जिसका खामियाजा बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है।

इस साल केला है चयनित

प्रदेश सरकार की ओर से वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के तहत सरकार ने इस वर्ष कौशांबी में केला को इसके लिए चयनित किया है। योजना लांच होने के बाद जिला प्रशासन व जिला उद्योग विभाग की ओर से बेरोजगारों और उद्यमियों का चयन कर बैंक शाखाओं में ऋण के लिए पत्रावलियां भी भेजी गईं, लेकिन शाखा प्रबंधकों ने अधिकतर पत्रावलियों को वापस कर दिया। जिला उद्योग के प्रबंधक ने बताया कि वर्ष 2019-20 में 207 लोगों ने आवेदन किया था। साक्षात्कार के बाद सभी की पत्रावलियां बैंक शाखा भेजी गई। इसमें शाखा प्रबंधकों ने 68 लाभार्थियों को ऋण दिया गया है। शेष लाभार्थियों को बैंक शाखाओं से ऋण नहीं मिला। इस वित्तीय वर्ष में 266 लोगों ने आवेदन किया।

पत्रावलियों पर नहीं मिली बैंकों से स्वीकृति

सभी पत्रावलियों को आनलाइन बैंक शाखाओं में भेजा गया। अब तक महज 27 लोगों को ऋण दिया गया है। ऋण न मिल पाने की वजह से बेरोजगार स्वरोजगार से नहीं जुड़ पा रहे हैं। इसकी शिकायत आवेदक लाभार्थियों से करते है, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। जनपद में लीड बैंक अधिकारी एके कटियार का कहना है कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के तहत सरकार युवाओं को रोजगार देना चाहती है लेकिन बैंक से लोन देने के लिए उसकी जांच पड़ताल की जाती है। जिसे लोन देना है, वह इसकी भरपाई कर पाएगा या नहीं। जिला उद्योग कार्यालय से जो भी पत्रावलियां बैंक शाखाओं में भेजी गई है। उनकी जांच कराई जा रही है पात्र होंगे तो उन्हें लोन दिया जाएगा।

chat bot
आपका साथी