UP मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर प्रयागराज में डग्गामार बसों के खिलाफ अभियान, पांच टीमें गठित
एआरटीओ (प्रवर्तन) अलका शुक्ला ने बताया कि शासन के निर्देश पर 2 व 3 अगस्त को अवैध में डग्गामार बसों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए पांच टीमें गठित की गई हैं। परमिट शर्तों के उल्लंघन और निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी बैठाने पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज में अवैध व डग्गामार बसों के खिलाफ शिकंजा कसा जाएगा। इसके लिए आरटीओ विभाग के अधिकारियों ने कमर कस लिया है। विभाग ने ऐसे वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए पांच टीमें गठित कर दी है। दो व तीन अगस्त को डग्गामारी के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। प्रयागराज में यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश के बाराबंकी और कानपुर में हुए बस हादसे के बाद की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के अधिकारियों को दिया सख्त निर्देश
दरअसल, बाराबंकी जिले के रामसनेही घाट कोतवाली क्षेत्र में डबल डेकर बस हादसे का शिकार हुई तो 18 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि घायल हुए करीब 19 लोगों को भर्ती कराया गया था। इसके अलावा हाल ही में कानपुर में भी एक बस हादसे का शिकार हुई थी। अवैध व डग्गामार बसों पर नियंत्रण करने और ओवरलोडिंग बंद कराने को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी जिले में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। ऐसे में प्रयागराज के आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों ने भी तैयारी कर ली है।
दस्तावेजों की टीम करेगी जांच
आरटीओ द्वारा गठित टीम परमिट सहित अन्य दस्तावेजों की जांच करेगी। साथ ही फिटनेस को भी परखा जाएगा। खामी मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश की सीमाओं से होकर विभिन्न राज्यों की ओर निजी बसें जाती हैं। इन बस संचालकों की मनमानी के चलते आएदिन हादसे हो रहे हैं।
पहले भी हुई कार्रवाई पर अभियान बेअसर
डग्गमार वाहनों के खिलाफ पहले भी अभियान चलाए गए थे। इसके बावजूद बस संचालकोंं की मनमानी जारी है। एक जनवरी से 30 जुलाई तक 698 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 34.78 लाख रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है। फिर भी मनमानी पर अंकुश नहीं लग सका है। बिना परमिट वाले 36 वाहनों के चालान किए गए। परमिट शर्तों के उल्लंघन में 679 वाहनों व अन्य खामियां मिलने पर 715 वाहनों के चालान किए गए। इसके अलावा 28 वाहन थाने में खड़े कराए गए। शमन शुल्क के रूप में 16.92 लाख रुपये जुर्माना व 17.86 लाख रुपये टैक्स वसूला गया।
कोरोना की दूसरी लहर में भी मनमानी
कोरोना की दूसरी लहर आई तो रोजगार के लिए महानगरों में रह रहे लोगों ने घर वापसी शुरू की। ट्रेनों में सीटें फुल होने की वजह से वे निजी बसों का सफर करने को मजबूर हुए। इसका लाभ उठाते हुए डग्गामार बस संचालकों खूब मनमानी की। नागपुर, सूरत व अहमदाबाद समेत अन्य महानगरों से यूपी के गोरखपुर व आजमगढ़ समेत विभिन्न जिलों के लिए सवारी बैठाकर 2200 से 3000 रुपसे वसूले जाते थे। जबकि उन्हें रास्ते में यूपी की सीमाओं जैसे चाकघाट, रीवा या प्रयागराज व कानपुर मे उतारकर लौट जाते थे। कार्रवाई के नाम पर प्रशासन दूसरे राज्य का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहा था।
बोलीं, एआरटीओ प्रवर्तन
एआरटीओ (प्रवर्तन) अलका शुक्ला ने बताया कि शासन के निर्देश पर 2 व 3 अगस्त को अवैध में डग्गामार बसों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए पांच टीमें गठित की गई हैं। परमिट शर्तों के उल्लंघन और निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी बैठाने पर कार्रवाई की जाएगी।