Chandrashekhar Azad: आजादी के नायक अमर रहेगा तेरा नाम... 115वीं जन्मतिथि पर प्रयागराज वासियों का नमन
शुक्रवार की सुबह आजादी के दीवाने शहीद चंद्रशेखर आजाद की 115वीं जन्मतिथि मनाने के लिए सैकड़ों लोग करीब आठ बाजे शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क में मौजूद थे। इनमें बहुत से ऐसे थे जो हर रोज यहां सुबह की सैर पर आते हैं और अपने महानायक को नमन भी करते हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। स्वतंत्रता रण के रणनायक अमर रहेगा तेरा नाम। नहीं जरूरत स्मारक की स्मारक खुद तेरा नाम। स्वतंत्र भारत नाम के आगे जुड़ा रहेगा तेरा नाम। भारत का जन गण मन ही अब बना रहेगा तेरा धाम। श्याम पाल सिंह की यह पंक्तियां मौजू हैं।
बदला हुआ था आजाद पार्क में नजारा
शुक्रवार की सुबह आजादी के दीवाने शहीद चंद्रशेखर आजाद की 115वीं जन्मतिथि मनाने के लिए सैकड़ों लोग करीब आठ बाजे शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क में मौजूद थे। इनमें बहुत से ऐसे थे जो हर रोज यहां सुबह की सैर पर आते हैं और अपने महानायक को नमन भी करते हैं। आज नजारा कुछ बदला था। पुलिस के जवान और अफसर भी थे। एक तरफ पुलिस का बैंड भी खड़ा था। वह इसलिए कि देश के वीर सपूत को उसकी जन्मतिथि पर सलामी दी जा सके। प्रवेश द्वार से भीतर ठीक सामने अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा को फूल मालाओं से सजाया गया था। वातावरण बिलकुल शांत था लेकिन इनमें से तमाम लोग स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक के समक्ष खड़े होकर नमन करते और आगे बढ़ जाते। कुछ ऐसे भी थे जो वंदेमातरम का उद्घोष कर रहे थे। खास यह कि वह नवजवानों की टोली नहीं थी बल्कि उम्रदराज लोग थे। इनके चौथेपन में भी राष्ट्र प्रेम हिलोरे मार रहा था। कई ऐसे भी आए जो प्रतिमा के समक्ष खड़े होकर आजादी के दीवाने को सेल्यूट करते और आगे बढ़ जाते। अहम यह कि यह उनकी एक दिन की गतिविधि नहीं बल्कि प्रतिदिन वह अपने हीरो के समक्ष नतमस्तक होते हैं। इन्हीं में से एक मनमोहन पार्क निवासी चंदन सिंह हैं। यूं तो वह प्रतियोगी छात्र हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि आज क्या खास है पर पार्क के भीतर आकर उन्होंने शहीद स्थल के समक्ष सेल्यूट किया। पूछने पर कहते हैं कि यह उनकी प्रतिदिन की गतिविधि है। अपने महानायक को किसी एक दिन नहीं हर रोज नमन करते हैं। कटरा के पवन कुमार में भी देशभक्ति के भाव हिलोरे ले रहे थे। वह अपने मोबाइल में रंग दे बसंती चोला का गीत सुनकर उत्साह से लबरेज दिखे। शहीद स्थल पर आने वाला हर शख्स देशभक्ति के भाव से ओतप्रोत नजर आ रहा था।
सुनिए क्या बोले शहरी
क्रांतिकारियों ने देश के लिए सब कुछ न्यौछावर कर दिया। हम सब उनके ऋणी हैं। जो आजादी मिली है, उसे बचाकर रखना होगा। तभी वीर सपूतों का बलिदान सार्थक होगा।
- राजू मर्करी
शहीदों को प्रतिदिन सुबह नमन कर अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए। पार्क में आने वाले अधिकांश लोग शहीद स्थल पर पहुंचकर श्रद्धा से सिर झुका देते हैं।
- राज बहादुर गुप्ता
देश के लिए कुर्बानी देने वाले हमारे सच्चे हीरो हैं। नई पीढ़ी को इनसे परिचित कराना चाहिए। पाठ््यक्रमों में भी महापुरुषों को स्थान दिया जाए तो बेहतर होगा।
- प्रो. बल्लभ मिश्र
रश्मी तौर पर आजादी के दीवानों को नहीं याद किया जाना चाहिए। हमे तो इन शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए संकल्पित होना चाहिए। कई बार हम इन बातों की अनदेखी कर देते हैं।
- विजय द्विवेदी
देश की आजादी के लिए बहुत कुर्बानी देनी पड़ी। चंद्रशेखर आजाद सरीके अन्य लोगों ने भी बहुत कष्ट सहे। अब जो स्वाधीनता मिली है, उसका मोल समझना होगा।
- अतुल राय
समाचारीय अभियान चलाकर दैनिक जागरण ने अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद को फिर से एक बार जीवंत कर दिया। लोगों को बताया कि यह आजाद का शहर है।
-त्रिवेणी प्रसाद, सहायक उड्डयन अधिकारी
पिछले चार दिनों में दैनिक जागरण ने चंद्रशेखर आजाद के बारे में बहुत रोचक और महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस तरह के कालम समय समय पर जरूर प्रकाशित होने चाहिए।
-आर्य शेखर
वर्तमान पीढ़ी को अपने क्रांतिकारियों व अन्य महापुरुषों की जानकारी देने के लिए समाचारपत्रों को भी पहल करनी चाहिए। दैनिक जागरण ने ऐसा किया इसके लिए बधाई।
- उमेश चन्द्र उत्तम उड़ान अधिकारी
आजादी से जुड़ी ढेरों गाथाएं प्रयागराज में हैं। इस संबंध में लोगों को और अधिक जागरूक करने की जरूरत है। दैनिक जागरण ने इस काम को बखूबी किया है।
- अनुराग यादव उर्फ सोन्टू
शहीद स्थल हम सब के गौरव का प्रतीक है। वीर सपूत को श्रद्धासुमन देने के लिए हम आज यहां आए। अमर बलिदानी हम सब के लिए प्रेरणा हैं। बच्चों को जरूरी इनके बारे में पढ़ाया जाना चाहिए।
- भोला तिवारी
पाठ््य पुस्तकों में क्रांतिकारियों की जीवनी, उनके कृतित्व के बारे में जरूर पढ़ाया जाना चाहिए। बच्चों को पता होना चाहिए कि आजादी के लिए क्या क्या बलिदान करना पड़ा।
- मंजू सिंह एनसीसी
इतिहास को फिर से संजोना होगा। छोटी छोटी घटनाएं लिपिबद्ध करनी होंगी। इसकी वजह यह कि इससे देश को विकास के पथ पर ले जाने की पे्ररणा मिलेगी। हम सब स्वार्थ से ऊपर उठकर सोच सकेंगे।
- अमन सिंह
राष्ट्रीयता के विकास के लिए क्रांतिकारियों के बारे में और जानना होगा। सरकार को इस दिशा में जरूरी सोचना चाहिए। बच्चों को यदि इनके बारे में बताया जाए तो लोगों में नैतिकता बढ़ेगी।
- शरद यादव
चंद्रशेखर आजाद के शहीद स्थल पर एक बोर्ड लगाया जाना चाहिए जिसमें उनके जीवन के बारे में महत्वपूर्ण चीजों का उल्लेख हो। यदि कोई बाहर से आए तो उसे पढ़कर अपने महानायक के बारे में जान सके।
- सुबोध सिंह
दैनिक जागरण ने हम सब को चंद्रशेखर आजाद के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। यूं कहें, हमें उनसे रूबरू कराया। हम अपने शहर के महापुरुष से ही नहीं परिचित थे अब बहुत कुछ जान गए।
- कविता यादव