संगम पर डबल डेकर बोट पर लीजिए सात फेरे और साथ में नौका विहार का आनंद भी

गऊघाट में रहने वाले राजन निषाद और बच्चा निषाद ने अनूठी पहल करते हुए डबल डेकर नाव तैयार की है। इस पर शादी विवाह बर्थडे पार्टी मुंडन यज्ञोपवीत अन्नप्रासन जैसे संस्कार कराने की सुविधा है। सभी संस्कारों में मां गंगा यमुना के साथ भगवान भास्कर साक्षी रहेंगे।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:15 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 07:41 AM (IST)
संगम पर डबल डेकर बोट पर लीजिए सात फेरे और साथ में नौका विहार का आनंद भी
लोग इस बोट पर बर्थडे पार्टी का लुत्फ उठा रहे हैं तो पिकनिक के लिए बुक कर रहे हैं

अमरीश मनीष शुक्ल, प्रयागराज। जब लगी धरा पर सुरसरि अरु नर्मदा बहती रहे, जब लौ गगन में सूर्य शशि की लालिमा लसती रहे। जब लौ न सागर शुष्क हो, संसार क्रम चलता रहे, तब तक वर वधु की सुख संपदा बढ़ती रहे। यह आशीष अब मां गंगा और यमुना की लहरों पर भी ले सकेंगे। यज्ञ की नगरी प्रयागराज में मां गंगा और यमुना की जलधारा के बीच सात फेरे लेने के लिए डबल डेकर नाव को तैयार किया गया है। इसमें सभी तरह के संस्कार विधि विधान से पूरे कराए जाएंगे। लोग इस डबल डेकर बोट पर बर्थडे पार्टी का लुत्फ उठा रहे हैं तो तमाम परिवार पिकनिक के लिए भी पूरी बोट बुक कर रहे हैं। लोगों में इसका क्रेज बढ़ रहा है।

अनोखे ढंग से शादी, मुंडन, जन्मदिन समारोह से लेकर पिकनिक तक

गऊघाट में रहने वाले राजन निषाद और बच्चा निषाद ने अनूठी पहल करते हुए डबल डेकर नाव तैयार की है। इस पर शादी विवाह, मुंडन, यज्ञोपवीत, अन्नप्रासन जैसे संस्कार कराने की सुविधा है। सभी संस्कारों में मां गंगा यमुना के साथ भगवान भास्कर साक्षी रहेंगे। सनातन परंपरा और प्राकृतिक वातावरण से जोड़ने वाली यह पहल जल पर्यटन को नया स्वरूप देने वाली है। सभी आयोजन दिन या रात कभी भी अपनी सुविधा के अनुसार किए जा सकेंगे। राजन बताते हैं कि बोट पर एक साथ 60 लोग आ सकते हैं लेकिन कोविड प्रोटोकाल के तहत सिर्फ 25 लोगों को शामिल कराया जाएगा। नाव पर संस्कार पूरे कराने के बाद यदि परिवार चाहता हैं तो भोजन व अन्य प्रक्रिया यमुना तट पर पूरी कराई जा सकेगी।

डल झील की शिकारा की तर्ज पर शुरुआत

बच्चा निषाद ने बताया कि श्री नगर की डल झील में चलने वाली शिकारा की तर्ज पर संगमनगरी में डबल डेकर नाव चलाने का विचार आया। इसे तरह तरह की झालरों, अलग अलग फूलों, साड़ी व गुब्बारों से सजाया गया है और सभी संस्कार कराने के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं भी की गई हैं। मसलन फेरे लेने के लिए नाव के प्रथम तल पर व्यवस्था है जबकि कोहबर जैसी परंपरा को निभाने के लिए निचले तल पर एक स्थान तय किया गया। डीजे, लाइटिंग, लोगों के बैठने के लिए सोफे के साथ कचरा प्रबंधन का भी इंतजाम है ताकि नदी में किसी तरह की गंदगी नहीं जाने पाए। इस सुविधा को लेने के लिए प्रतिव्यक्ति 100 रुपये खर्च करना होगा।

नाव से मिलेगा प्राकृतिक नजारा

डबल डेकर बोट पर आयोजन के दौरान प्राकृतिक नजारा भी मिलेगा। यह कभी गंगा तो कभी यमुना दर्शन कराएगा। कभी पुराने यमुना पुल के नीचे तो कभी नए पुल के पास से गुजरेगा। सूर्य के अस्त होने से लेकर उदय होने तक की मनोरम छटा भी इससे देखी जा सकेगी। किले की प्राचीर के साथ दूर देश से आए पक्षी भी आयोजनाें के साक्षी बनेंगे।

chat bot
आपका साथी