अब यूनीक आइकार्ड से होगी दिव्यांगों की पहचान
दिव्यांगों की पहचान करने के लिए यूनीक आइकार्ड की व्यवस्था की जाएगी। इससे उनकी पहचान की जाएगी और योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। अगले वित्तीय वर्ष से इसके लागू होने की उम्मीद है।
राजकुमार श्रीवास्तव, इलाहाबाद : दिव्यांगों की सुविधा के लिए अब उन्हें विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (एसडीआइसी) यानी यूनीक आइकार्ड मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की ओर से कार्रवाई चल रही है। भविष्य में यही विशिष्ट पहचान पत्र दिव्यांगों की पहचान बनेगा।
दरअसल, अभी दिव्यांगों को जो दिव्यांगता सर्टिफिकेट (प्रमाण पत्र) मिलता है। ट्रेन अथवा बस यात्रा के दौरान मूल प्रमाण पत्र लेकर चलना पड़ता है, क्योंकि मूल प्रमाण पत्र बगैर उन्हें किराए में छूट नहीं मिलती है। अक्सर यात्रा के दौरान मूल प्रमाण पत्र खो जाने की भी शिकायतें विभाग को मिलती रहती हैं। हालांकि, अब शासन ने इस प्रमाण पत्र की जगह विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र जारी करने का निर्देश विभाग को दिया है। यह प्लास्टिक कार्ड होगा, जिसे पर्स में सुरक्षित रखा जा सकेगा। यूनीक आइकार्ड को बनवाने की प्रक्रिया शुरू भी हो गई है। अफसरों का दावा है कि इस कार्ड के बन जाने से यह भी जानकारी हो सकेगी कि लाभार्थी को किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है और किनका नहीं मिल रहा है। ऐसे में न मिलने वाली योजनाओं का लाभ भी उसे दिलाया जा सकेगा। 21663 दिव्यांगों के लिए बनेगा कार्ड
पिछले वर्ष जिले में 20989 दिव्यांगों को पेंशन मिलती थी, जो इस वर्ष संख्या बढ़कर 21663 हो गई। इन सभी लाभार्थियों को यह यूनीक आइकार्ड दिया जाना है। इसमें से 689 दिव्यांगों का विशिष्ट दिव्यांगता प्रमाण पत्र बन चुका है। वर्जन--
भविष्य में पेंशन, यात्रा आदि में यही कार्ड काम आएगा। इस बार पेंशन पाने वाले लाभार्थियों की संख्या बढ़ गई है।
विपिन उपाध्याय, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी।