अब तीर्थ पुरोहितों के जरिए गंगा की स्वच्छता का प्रयास, गंगा समग्र द्वारा प्रशिक्षित किए जाएंगे घाटिए
तीर्थ पुरोहितों व घाट पर रहने वाले अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें समझाया जाएगा कि मां गंगा को हर स्तर पर प्रदूषण मुक्त बनाने की जिम्मेदारी उठाएं। घाट पर जो सामग्री बेची जाए वह पालीथिन मुक्त हो। श्रद्धालु घाट तक पालीथिन किसी भी हाल में न ल जाएं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुषंंगिक संगठन गंगा समग्र की तरफ से इस सावन मास में गंगा की स्वच्छता को लेकर अपनी पहल तेज की जाएगी। तीर्थ पुरोहितों को प्रशिक्षित कर समझाया जाएगा कि वह लोगों को किस तरह गंगा की स्वच्छता के प्रति जागरूक कर सकते हैं। गंगा समग्र ने गंगा की अविरलता के लिए मुहिम छेड़ रखी है। गंगा समग्र का उद्देश्य है देश भर में गंगा को अविरल और निर्मल करने के लिए खुद भरसक प्रयास करना और साथ ही लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करना।
कुंड बनाकर विसर्जित कराई जाएगी सामग्री
गंगा समग्र के सह संयोजक रकेश मिश्र ने बताया कि घाट पर आने वालों से पालीथिन का प्रयोग न करने और पूजा सामग्री का विसर्जन नदी में न करने के लिए आग्रह किया जाएगा। छोटे छोटे कुंड बनवाकर सामग्री विसर्जित कराई जाएगी। सब से पहले तीर्थ पुरोहितों व घाट पर रहने वाले अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हे इस बात को समझाया जाएगा कि मां गंगा को हर स्तर पर प्रदूषण मुक्त बनाने की जिम्मेदारी उठाएं। घाट पर जो सामग्री बेची जाए वह पालीथिन से मुक्त हो। श्रद्धालु भी अपने साथ घाट तक पालीथिन किसी भी हाल में न ल जाएं। इसके अतिरिक्त पूजन सामग्री का भी विसर्जन नदी में न करें। इसके लिए नदी से दूर कुंड भी बनाए जाएंगे। उनमें पूजन सामग्री का विसर्जन कराया जाएगा।
सभी घाट व नदी के क्षेत्र में बनेंगे गंगा सरोवर
गंगा समग्र के सह संयोजक रकेश मिश्र ने बताया कि नदियों से कुछ दूरी पर गंगा सरोवर बनाने की योजना है। इसमें सभी तीर्थपुरोहितों, माली, मल्लाह व अन्य लोगों की भी मदद ली जाएगी। इस सरोवर में जल भरने के साथ ही गंगाजल डाला जाएगा। उसका पूजन भी कराएंगे। प्रतिदिन दिन सरोवरों पर आरती का भी कार्यक्रम होगा। इससे सभी की आस्था बनी रहेगी। नदियों को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी। इन सरोवरों का प्रयोग पूजन सामग्री के विसर्जन व अन्य कार्यों के लिए किया जाएगा। समय समय पर इनकी सफाई और सौंदर्यीकरण भी होगा। अभी मनैया घाट पर एक कुंड बनाया जा चुका है। अन्य स्थानों पर भी जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा।