प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अब पौधारोपण की पढ़ाई, नई शिक्षा नीति में विशेषज्ञों ने की संस्तुति

डा. राहुल ने बताया कि कमेटी ने स्नातक अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए पर्यावरण पौधारोपण और ग्रीन पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इसे एक अनिवार्य प्रश्न पत्र के रूप में शामिल करने की संस्तुति उच्च शिक्षा विभाग को भेजी है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 03:16 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 03:16 PM (IST)
प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अब पौधारोपण की पढ़ाई, नई शिक्षा नीति में विशेषज्ञों ने की संस्तुति
अब जल्द ही प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी इसे लागू कर दिया जाएगा।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में और संबद्ध कालेजों में स्नातक के छात्रों को अब पौधारोपण की भी पढ़ाई करनी होगी। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत पाठ्यक्रम निर्माण कमेटी के विशेषज्ञों ने जनवरी 2021 में उच्च शिक्षा विभाग को संस्तुति की है।

पर्यावरण, पौधारोपण और ग्रीन पर्यावरण के प्रति जागरूकता

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर राहुल पटेल को उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालय एवं डिग्री कालेजों के लिए मानव विज्ञान विषय की नई शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्यक्रम निर्माण कमेटी का सदस्य मनोनीत किया गया है। डा. राहुल ने बताया कि कमेटी ने स्नातक अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए पर्यावरण, पौधारोपण और ग्रीन पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इसे एक अनिवार्य प्रश्न पत्र के रूप में शामिल करने की संस्तुति उच्च शिक्षा विभाग को भेजी है। हालांकि सूबे के राज्यविवि एवं डिग्री कालेजों में इसे अभी लागू नहीं किया गया है। डा. राहुल ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने पौधारोपण को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करने का आदेश मौजूदा सत्र से ही लागू कर दिया है। अब जल्द ही प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी इसे लागू कर दिया जाएगा।

मास्टर कोर्स बीच में छोडऩे पर पीजी डिप्लोमा देगा इग्नू

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) से दो वर्षीय एमसीए के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम को यदि सफलता के साथ पूरा कर लेते हैं तो पीजीडीसीए का प्रमाणपत्र मिलेगा। यदि कोई विद्यार्थी एमसीएम का कोर्स बीच में छोड़ता है तो भी उसे पीजीडीसीए का प्रमाणपत्र मिल जाएगा।

यह जानकारी इग्नू के सहायक क्षेत्रीय निदेशक संजय कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर अनुप्रयोग में स्नातक उपाधि (बीसीए), कंप्यूटर अनुप्रयोग में स्नातकोत्तर उपाधि (एमसीए) और कंप्यूटर अनुप्रयोग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीसीए) में आनलाइन प्रवेश शुरू कर दिए गए हैं। पीजीडीसीए, एमसीए और बीसीए में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए इग्नू अध्ययन केंद्र में काउंसिलिंग कक्षाएं, प्रैक्टिकल एवं अन्य सभी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इग्नू के इनमें से किसी एक कार्यक्रम में नामांकन के बाद स्टडी मैटेरियल बिना किसी अतिरिक्त शुल्क चुकाए प्राप्त की जा सकती है।

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