अब आपके घर के सूखे कचरे से प्रयागराज के प्लांट में तैयार किया जाएगा कोयला
बसवार में गीले कचरे से बायो फ्यूल का उत्पादन शुरू हो चुका है। लेकिन सूखे कचरे के निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं थी। स्वच्छता रैंकिंग में छह पायदान फिसलने के बाद निगम ने सूखे कचरे से कोयला उत्पादन के लिए हरी-भरी के साथ करार कर लिया।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शहर में हर रोज निकलने वाले गीले कचरे के समुचित निस्तारण की व्यवस्था करने के बाद नगर निगम प्रशासन ने अब सूखे कचरे के बेहतर प्रबंधन के लिए भी इंतजाम कर लिया है। सूखे कचरे से कोयला उत्पादन के लिए निगम द्वारा प्रयागराज हरी-भरी प्राइवेट लिमिटेड को हरी झंडी दे दी गई है। कंपनी ने इसके लिए बसवार में प्लांट लगाने की कवायद शुरू कर दी है। करीब आठ-नौ महीने में प्लांट तैयार होने की संभावना है।
12 से 15 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित, 50 से 60 टन तैयार होगा कोयला
बसवार में गीले कचरे से बायो फ्यूल का उत्पादन कई महीने शुरू हो चुका है। लेकिन, सूखे कचरे के निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं थी। स्वच्छता रैंकिंग में छह पायदान फिसलने के बाद निगम प्रशासन ने इस दिशा में तेजी से पहल की। सूखे कचरे से कोयला उत्पादन के लिए हरी-भरी के साथ करार कर लिया। प्लांट लगाने के लिए निगम बसवार में कंपनी को सेड बनाकर देगा। बाकी सारा खर्च कंपनी खुद उठाएगी। करीब 50 से 60 टन क्षमता का प्लांट लगेगा। इसके लिए नोएडा में जिंजर ग्रीन कंपनी से मशीनें मंगाई गई हैं। मशीनें जल्द आने की उम्मीद है। हालांकि, प्लांट लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्लांट लगाने में करीब 12 से 15 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित है।
10 रुपये किलो बेचने की योजना
कंपनी के चीफ आपरेटिंग आफिसर अरुण राय ने बताया कि कोयले की उपलब्धता कम होने और मांग अधिक होने के कारण प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया है। करीब 150 टन सूखे कूड़े से 50 से 60 टन कोयले का उत्पादन प्रतिदिन होगा। बताया कि बारा और मेजा थर्मल पावर प्लांटों एवं एनटीपीसी को कोयले की आपूर्ति करने की योजना है। कोयला 10 रुपये किलो बेचा जाएगा। पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा का कहना है कि कंपनी के साथ करार को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है।