दफनाएं नहीं करिए दाह संस्कार, प्रयागराज में शवों को दफनाने की बजाय अंत्येष्टि के लिए किया जा रहा जागरूक

नैनी झूंसी और फाफामऊ श्मशान घाट के अलावा ग्रामीण इलाकों में करीब चार दर्जन से अधिक श्मशान घाट हैं। यहां वर्षों से शवों को दफनाया जाता है। दो दिन पहले अचानक शवों को दफनाए के बजाए अंत्येष्टि का निर्देश शासन से दिया गया। प्रशासन ने इसे लेकर कदम भी उठाए।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 12:29 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 12:29 PM (IST)
दफनाएं नहीं करिए दाह संस्कार, प्रयागराज में शवों को दफनाने की बजाय अंत्येष्टि के लिए किया जा रहा जागरूक
वर्षों पुरानी परंपरा को रोकने के बजाए लोगों को किया जा रहा जागरूक

प्रयागराज, जेएनएन। गंगा नदी के किनारे शवों को दफनाने की परंपरा वर्षों पुरानी है। शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों में स्थित श्मशान घाटों पर शवों को दफनाया जाता है। प्रशासन का भी मानना है कि इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन लोगों को शव को दफनाने की जगह अंत्येष्टि के लिए जरूरत प्रेरित किया जा सकता है।

नगर निगम की चार सदस्यीय टीम भी कर रही निगरानी

नैनी, झूंसी और फाफामऊ श्मशान घाट के अलावा ग्रामीण इलाकों में बड़े-छोटे करीब चार दर्जन से अधिक श्मशान घाट हैं। यहां वर्षों से शवों को दफनाया जाता है। इधर दो दिन पहले अचानक शवों को दफनाए के बजाए अंत्येष्टि का निर्देश शासन से दिया गया। प्रशासन ने इसे लेकर कदम भी उठाए। नगर निगम की चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया। कहा गया कि नगर निगम क्षेत्र स्थित श्मशान घाटों पर ये टीम मौजूद रहेगी। जिनकी आॢथक स्थिति ठीक नहीं है, उनको दाह संस्कार के लिए चार हजार रुपये भी दिए जाएंगे। वहीं, डीएम भानू चंद्र गोस्वामी ने जिले के सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने तहसील से संबंधित श्मशान घाटों पर जाकर दाह संस्कार का कार्य करवाने वालों को प्रेरित करें। डीएम का कहना है कि नदी के किनारे शवों को दफनाने से बाढ़ के समय शव कटान की वजह से उतरने की संभावना है।  एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का कहना है कि श्मशान घाट पर पुलिसकर्मी भी नजर रख रहे हैं। लोग बात मान रहे हैं और अंत्येष्टि कर रहे हैं।


शवों को दफनाने से रोका और दी चेतावनी
शवों को दफनाने से रोकने के लिए बनी नगर निगम की टीम की सक्रियता से मंगलवार सुबह तक कई शवों को गंगा किनारे दफनाने से रोक दिया गया। निगम द्वारा बनी कमेटी के सदस्य और शिवकुटी के पार्षद कमलेश तिवारी को सोमवार दोपह शिवकुटी घाट पर दो शवों को दफनाने की जानकारी मिली। उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी जोनल अधिकारी और एसओ शिवकुटी को दी और खुद घाट पर पहुंच गए। सभी ने लोगों को शव दफनाने से रोका। उन्हें रसूलाबाद घाट अथवा शंकरघाट विद्युत शवदाहगृह में शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा गया। पार्षद ने बताया कि जोनल अधिकारी ने पंडा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की भी चेतावनी दीं।

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