North Central Railway के महाप्रबंधक ने कहा- अधिकारी रेल यात्रियों की शिकायत का शीघ्र निराकरण करें
एनसीआर के जीएम ने वर्चुअली प्रयागराज समेत तीनों मंडल के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने इंटरनेट मीडिया और मोबाइल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी चर्चा की ताकि लोगों के बीच चलती ट्रेनों में बोर्डिंग-डीबोर्डिंग समेत संरक्षा संबंधी प्रथाओं के बारे में जागरूकता प्रसारित की जा सके।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज: उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने कहा कि रेल मदद के माध्यम से मिलने वाली यात्रियों की शिकायतों का उचित विश्लेषण किया जाना चाहिए। जल्द जवाब भी दिया जाना चाहिए। साथ समाधान करने का प्रयास करना चाहिए। जीएम ने निर्देश दिए कि रिस्क मैपिंग स्टैटिक प्रैक्टिस नहीं होना चाहिए। सभी मंडलों को अपने मंडलों में संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए, जो आपदा प्रवण हैं और यह मूल्यांकन गतिशील प्रक्रिया होना चाहिए।
एनसीआर जीएम ने अधिकारियों संग वर्चुअली बैठक की
एनसीआर के जीएम ने वर्चुअली प्रयागराज समेत तीनों मंडल के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने इंटरनेट मीडिया और मोबाइल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी चर्चा की, ताकि लोगों के बीच चलती ट्रेनों में बोर्डिंग-डीबोर्डिंग समेत संरक्षा संबंधी प्रथाओं के बारे में जागरूकता प्रसारित की जा सके। ट्रेन में आग की घटनाओं संबंधी मामलों में रेलवे कर्मचारियों की ओर से किए गए बचाव कार्यों पर भी विमर्श हुआ।
ट्रेन संचालन में संरक्षा को लेकर योजना भी बनाने पर जोर
एनसीआर के जीएम ने कहा कि कार्यशालाओं, निरीक्षणों और संगोष्ठियों के माध्यम से कर्मचारियों को नियमित रूप से इन मुद्दों पर प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। स्टेशन के कर्मचारियों और अधिकारियों को समय-समय पर नजदीकी अस्पतालों, पुलिस थानों के साथ समन्वय बैठकें करनी चाहिए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके। किसी भी स्थानीय मेला या अन्य समागमों जैसे आगामी कार्यक्रमों की पहचान करने के लिए मंडलों में साप्ताहिक बैठकें होनी चाहिए। इसके लिए ट्रेन संचालन में संरक्षा को लेकर योजना भी बनाई जानी चाहिए। जीएम ने कहा कि किसी भी असामान्य स्थिति में प्राथमिकता कम से कम समय में यातायात बहाल करने की होनी चाहिए। ताकि जनता को न्यूनतम असुविधा के साथ ट्रेन संचालन फिर से शुरू किया जा सके।