ताक पर नियम : कोचिंग सेंटर तो सैकड़ों, एनओसी किसी के पास नहीं

छात्र-छात्राओ को आइएएस पीसीए डॉक्टर और इंजीनियर बनाने का दावा करने वाले शहर में कोचिंग संस्थान तोे बहुत सारे हैं। उनके पास आग से बचाव और सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 12:48 PM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 12:48 PM (IST)
ताक पर नियम : कोचिंग सेंटर तो सैकड़ों, एनओसी किसी के पास नहीं
ताक पर नियम : कोचिंग सेंटर तो सैकड़ों, एनओसी किसी के पास नहीं

प्रयागराज, जेएनएन। शहर में कोचिंग सेंटर सैकड़ों हैैं लेकिन अग्निशमन विभाग की अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) किसी के पास नहीं है। यह जानकार आप हैरत में पड़ सकते हैं लेकिन सच यही है। गली-मुहल्लों से लेकर बहुमंजिली इमारतों में संचालित अधिकांश कोचिंग संस्थानों में आग से बचाव और सुरक्षा के इंतजाम गायब हैं। ऐसे में यहां पढऩे वाले हजारों छात्र-छात्राओं की जिंदगी दांव पर है। 

 गुजरात की घटना से यहां के अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित

गुजरात में कोचिंग सेंटर में आग लगने से कई छात्रों की मौत की घटना के बाद यहां भी तमाम अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। गुजरात की घटना के बाद अग्निशमन विभाग ने अपने स्तर पर छानबीन शुरू की है। इससे तमाम कोचिंग सेंटर के संचालकों में खलबली मच गई है। शहर के सिविल लाइंस, कर्नलगंज, कैंट और जार्जटाउन थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा कोचिंग सेंटर हैं। इसके अलावा धूमनगंज, मुट्ठीगंज, कीडगंज, दारागंज, खुल्दाबाद और शिवकुटी इलाके में छोटे और बड़े कोचिंग संस्थान हैं, जहां हजारों छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। कुछ ही संस्थानों में अग्निशमन उपकरण तो हैं, पर खस्ता हाल में है। ऐसे में अभिभावकों का कहना है कि अगर इन कोचिंग सेंटर में आग लगती है तो स्थिति भयावह हो सकती है। 

डीआइओएस कार्यालय से मान्यता 

कोचिंग संस्थानों को मान्यता जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय (डीआइओएस) से मिलती है। इसके लिए नेशनल बिल्डिंग कोड, अग्निशमन विभाग से एनओसी समेत अन्य दस्तावेज जरूरी होते हैैं। एक तरफ अग्निशमन अधिकारी यह कह रहे हैं कि किसी भी कोचिंग सेंटर से एनओसी नहीं ली है, जबकि दूसरी तरफ करीब एक हजार से अधिक संस्थानों को मान्यता मिली है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि मान्यता किस आधार पर दी गई। 

आग से बचाव के यह होने चाहिए जरूरी इंतजाम

- कोचिंग वाले भवन की छत पर 10 हजार लीटर पानी का टैंक

- 450 लीटर प्रति मिनट के हिसाब से पानी निकलने वाला पंप

- टैंक और पंप के पास पूरे भवन के अनुसार होजरील

- प्रत्येक कमरे में अग्निशमन उपकरण

- प्रवेश व निकास द्वार अलग-अलग। सीढ़ी की चौड़ाई पांच फिट 

मुख्य अग्निशमन अधिकारी कहते हैं

मुख्य अग्निशमन अधिकारी रविंद्र शंकर मिश्रा कहते हैं कि शहर में संचालित किसी भी कोचिंग संस्थान को एनओसी नहीं दी गई है। डीआइओएस से सूची मांगी गई है। निरीक्षण के बाद सर्वे रिपोर्ट उच्चाधिकारियोंको सौंपी जाएगी। उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगा। 

बोले डीआइओएस

डीआइओएस आरएन विश्वकर्मा ने कहा कि कि मान्यता देने से पहले फायर की एनओसी के साथ ही सभी जरूरी कागजात लिए जाते हैं। उसके बाद ही कोचिंग सेंटर संचालित करने की मान्यता दी जाती है। 

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