इस गांव में वायरस की नो एंट्री, जागरूकता से अब तक नहीं फटक सका प्रतापगढ़ के सरायदली में कोरोना

जागरूकता और अनुशासन के मंत्र का ही कमाल है कि प्रतापगढ़ जिले के सदर तहसील के सरायदली गांव में कोरोना वायरस दस्तक नहीं दे सका है। करीब 900 लोगों का यह गांव ढाई किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। सराय दली के अगल-बगल के गांवों में कोरोना दस्तक दे चुका है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 07:00 AM (IST)
इस गांव में वायरस की नो एंट्री, जागरूकता से अब तक नहीं फटक सका प्रतापगढ़ के सरायदली में कोरोना
सराय दली के अगल-बगल के गांवों में कोरोना दस्तक दे चुका है, पर यह कोरोना वायरस से अछूता है।

प्रयागराज, जेएनएन। जागरूकता और अनुशासन के मंत्र का ही कमाल है कि प्रतापगढ़ जिले के सदर तहसील के सरायदली गांव में कोरोना वायरस अब तक दस्तक नहीं दे सका है। करीब 900 लोगों का यह गांव ढाई किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है। जिला मुख्यालय से करीब 14 किमी दूर आबाद सराय दली के अगल-बगल के गांवों में कोरोना दस्तक दे चुका है, पर यह कोरोना वायरस से अछूता है।

पिछले साल से ही कर रहे कोविड गाइ़साइन पर अमल

सरायदली गांव के लोग मार्च 2020 में ही सरकार की तरफ से जारी गाइड लाइंस का पालन करते आ रहे रहे हैैं। शारीरिक दूरी तो रखते ही हैैं खानपान में भी इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैैं। लहसुन, सहिजन, हल्दी, गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है। पीपल के पेड़ प्राणवायु की सौगात बने हैं। गांव के बीच सैकड़ों साल पुराना पेड़ आक्सीजन का पेड़ है। इसके अलावा भी कई पीपल के पेड़ गांव में हैं।

पढ़े लिखे लोगों का गांव, सब जागरूक
संडवा चंद्रिका विकास खंड के उसरी ग्राम सभा के इस हिस्से में प्रबुद्ध वर्ग की बहुतायत है। लोगों का शैक्षिक स्तर अच्छा है। तमाम लोग उच्च पदों पर रहे हैैं वह दूसरों को देश-दुनिया का हाल बता कर सजग करते हैैं। नजदीकी गांवों गोपालपुर, जैतीपुर कठार, उत्तर का पुरवा, सराय महिमा, पदुमपुर, पूरे पीतांबर, चौबेपुर में अब तक 23 लोग संक्रमित हुए हैैं और तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है।

जानिए क्या कहते हैं गांव के लोग

हमारे बुजुर्गों ने पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया। आज भी यहां प्रथा चली आ रही है कि वृक्ष लगाओ और पर्यावरण बचाओ। इसलिए हर दरवाजे पर नीम, पीपल के वृक्ष हैं। इससे ताजी हवा मिल रही है।
-इं. कृष्णकुमार शुक्ल

अधिकांश लोगों ने वैक्सीन लगवा ली है,जो बचे हैं वह भी लगवा रहे हैं। हम लोग परदेसियों को समझाकर गांव के बाहर अब भी क्वारंटाइन कर रहे हैं। शायद इसका ही नतीजा है कि कोरोना यहां नहीं पहुंचा।
-उदय प्रकाश शुक्ल, पूर्व शिक्षक


वृक्ष हमारे लिए बच्चों की तरह प्यारे हैं। इनको लगाना व बचाना हमारी आदत में है। घर से लेकर बाग बगीचों में लगे छोटे बड़े पौधों का हम ध्यान देते हैँ। कुछ खाने-पीने से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धोते हैं।
-ओम प्रकाश शुक्ल, पूर्व प्रधानाचार्य

हम लोगों ने सार्वजनिक आयोजन बंद कर दिया है। हम लोग भीड़ में नहीं जाते। गांव के लोग शाम को नीम की पत्तियों का धुआं करना दिनचर्या में शामिल कर चुके हैैं। कोरोना संक्रमण काल से यह क्रम जारी है।
-गजाधर प्रसाद शुक्ला, वरिष्ठ नागरिक

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