नाईट कर्फ्यू से घटेगा तरावीह का वक्त, उलमाओं ने की अपील, गाइडलाइन के पालन के साथ करें इबादत
रमजान के महीने में चाँद दिखते ही तरावीह शुरु हो जाती है और खुदा की इबादत में लोग मशगूल रहने लगते हैं। दिन भर रोजा रखकर पांचों वक्त की नमाज अदा करते हैं। रात में 17 रकात ईशा की नमाज और 20 रकात तरावीह पढ़ी जाती है
प्रयागराज, जेएनएन। रमजान का पाक महीना चांद दिखने के बाद 13 या 14 अप्रैल से शुरू होगा लेकिन इस बार नाइट कर्फ्यू की वजह से मस्जिदों और इबादत घरों में तारावीह को लेकर संकट के बादल छाया हैं क्योंकि रात में ईशा की नमाज के बाद तारावीह पढ़ी जाती है। उसके कुछ ही देर बाद नाईट कर्फ्यू लग रहा है जिससे तारावीह की नमाज पढ़ने वाले रोजेदार दुविधा में हैं। अभी रमजान की तारीख मुकर्रर नही हुई। उसके पहले शासन की गाइड लाइन आ चुकी है। रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा रहेगा इसलिए तारावीह वक्त से पहले ही मुकम्मल करना पड़ेगा।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एहतियात बरतने की सलाह
रमजान के महीने में चाँद दिखते ही उसी दिन से तरावीह शुरु हो जाती है और खुदा की इबादत में लोग मशगूल रहने लगते हैं। दिन भर रोजा रखकर पांचों वक्त की नमाज अदा करते हैं। रात में 17 रकात ईशा की नमाज और 20 रकात तरावीह पढ़ी जाती है जिसमे दो से ढाई घंटा लगता है। प्रयागराज में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुस्लिम उलमाओं ने सभी से यह अपील की है कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन किया जाए और इसके साथ-साथ इबादत की जाएगी। इस बार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। सबसे अहम बात यह है कि खुदा की इबादत तरावीह से ही शुरू होगी लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है क्योंकि पिछले साल भी मस्जिदों में मात्र 4 से 5 लोगों ने ही तरावीह की नमाज पढ़ी थी क्योंकि उस समय पूरे उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से लॉक डाउन लगा हुआ था और इस बार वैसा लॉक डाउन नहीं है, इसलिए तरावीह की नमाज़ अदा किया जा सकता है लेकिन कम वक्त में क्योंकि डेढ़ घंटे से दो घंटे का समय लगता है और उसके बाद ही रात 10:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक का कर्फ्यू लगा रहेगा इसलिए रात में होने वाली तरावीह में प्रतिदिन एक से डेढ सिपारा ही पढ़ा जाएगा जिससे नाईट कर्फ्यू से पहले पहले तरावीह मुकम्मल हो सके। इसलिए कम वक्त में ही नमाज अदा करना है जिससे नमाजियों को दिक्कत का सामना न करना पड़े शासन प्रशासन के निर्देशों का पालन भी किया जा सके तरावीह की नमाज़ सुन्नत मोअक्किदा है। उसका एहतमाम जरूर किया जाना चाहिए
एहतियात बरतने का नाम ही रोजा है
बारा खास स्थित जामा मस्जिद के पेस इमाम मोहम्मद आफताब आलम का कहना है कि रमजान के पाक महीने में इबादत गांहों में तरावीह को लेकर गाइड लाइन तय कर ली गई है ऐसे में मस्जिदों में तरावीह केवल एक से डेढ़ पारे की पढ़ी जाएगी जिससे कि नमाजी नाइट कर्फ्यू शुरू होने से पहले अपने अपने घर पहुंच जाएं। जामा मस्जिद बारा के सदर हाफिज फिरदौस ने बताया की चांद की तस्दीक के बाद रोजे का ऐलान किया जाएगा। उसी दिन से तरावीह की शुरुआत की जायेगी। एहतियात बरतने का नाम ही रोजा है। ऐसे में रोजेदार प्रशासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। खुद को कोरोना संक्रमण से बचे दूसरों की मदद करना रमजान का फर्ज है। सरकार के निर्देश का पालन किया जायेगा। प्रोटोकाल के तहत इबादत की जाएगी। सभी रोजेदार रमजान में कोरोना का गाइड लाइन पर पूरी तरह से अमल करेंगे। रमजान में रोजा फर्ज है इसलिए सभी मुसलमान रोजा जरूर रखें और इबादत करें और मुल्क में अमन और चैन की दुआ करें।
रमजान में इन खास बातों का ध्यान रखें
तरावीह में ज्यादा लोग इकट्ठा ना हो
मस्जिद में भी मास्क लगाकर जाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें
रमजान में विशेषकर इफ्तार के समय कोरोना के खात्मे के लिए दुआ करें,
रमजान में इफ्तार पार्टी देने की बजाय गरीबों में तक्सीम करें
जिन लोगों पर जकात फर्ज है वह जरूर अदा करें