GST News : तिमाही रिटर्न और मासिक भुगतान में नया पेच, हर तीसरे माह तय तिथि के अंदर भरना होगा विकल्प

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में नित नए बदलाव किए जा रहे है। इस बदलाव से कारोबारी चकरघिन्नी बनते जा रहे हैं। सरकार ने पांच करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर तक के व्यापारियों के लिए नए साल से तिमाही रिटर्न और मासिक भुगतान (क्यूआरएमपी) की व्यवस्था की है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 11:00 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 11:00 AM (IST)
GST News :  तिमाही रिटर्न और मासिक भुगतान में नया पेच, हर तीसरे माह तय तिथि के अंदर भरना होगा विकल्प
पांच करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर तक के लिए नए साल से तिमाही रिटर्न और मासिक भुगतान की व्यवस्था की है

प्रयागराज, जेएनएन। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में नित नए बदलाव किए जा रहे है। इस बदलाव से कारोबारी 'चकरघिन्नी बनते जा रहे हैं। सरकार ने पांच करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर तक के व्यापारियों के लिए नए साल से तिमाही रिटर्न और मासिक भुगतान (क्यूआरएमपी) की व्यवस्था की है। लेकिन, इसमें भी नया पेच कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था में व्यापारियों को हर तीसरे महीने विकल्प भरना होगा। अगर वह विकल्प भरने से चूक गए तो फिर से पुरानी व्यवस्था में शामिल हो जाएंगे। 


कारोबारी गया चूक तो फिर से शामिल हो जाएगा पुरानी व्यवस्था में

पांच करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों को पहले जीएसटीआर-1 रिटर्न तिमाही और जीएसटीआर-3बी रिटर्न मासिक जमा करना होता था। मगर, टैक्स मासिक ही जमा करना होता था। एक जनवरी से दोनों रिटर्न तिमाही जमा करने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, टैक्स मासिक ही जमा करना है। अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर एवं कस्टम विभाग ने व्यापारी कब इस योजना में शामिल हो सकते हैं, उसके पांच तिमाही (एक त्रैमास इस वित्तीय वर्ष और चार अगले वित्तीय वर्ष) के लिए तिथि निर्धारित कर दी है। जनवरी, फरवरी और मार्च-2021 के लिए व्यापारी 31 जनवरी तक विकल्प भर सकते हैं। अप्रैल, मई और जून के लिए एक फरवरी से 30 अप्रैल, जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए एक मई से 31 जुलाई, जनवरी, फरवरी और मार्च-2022 के लिए एक नवंबर से 31 जनवरी तक कारोबारी विकल्प भर सकते हैं।

व्यापारी के एक बार इस व्यवस्था में शामिल होने पर उसे यह प्रक्रिया हर बार अपनानी होगी। अगर व्यापारी एक भी बार विकल्प भरने से चूक गया तो वह फिर पुरानी व्यवस्था में शाम शामिल हो जाएगा। सरकार को चाहिए कि तिमाही विकल्प भरने की व्यवस्था खत्म कर दे, क्योंकि जो व्यापारी रिटर्न और टैक्स जमा करने के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट अथवा अधिवक्ता पर निर्भर हैं, उनसे विकल्प भरने में चूक हो सकती है। 

महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)

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