ट्रिपल आइटी का नया मोबाइल एप गांवों को स्मार्ट बनाएगा, जानिए क्या है इस एप की खासियत
किसी ग्राम पंचायत में स्कूल शौचालय खेल के मैदान कहां बने और खड़ंजा कहां बिछना है जैसे कामों के लिए अब ये एप ही कोार्डिनेट करके बताएगा। इस तरह के कामों के लिए ट्रिपलआइटी के आइटी विभाग ने ग्राम पंचायत एप (स्पीकिंग जीईओ-जीपी असिस्टेंट एप) बनाया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। देश के गांवों को स्मार्ट बनाने की सरकार की ओर से कवायद की जा रही है। इसी प्रयास में अब एक तमगा और जुड़ने वाला है। जी हां, प्रयागराज में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) के इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी (आइटी) विभाग के प्रोफेसर विजेंद्र सिंह ने नया मोबाइल एप तैयार किया है। यह एप गांवों को स्मार्ट बनाने में काफी मददगार साबित होगा। इस एप को तैयार कर बंगलुरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) को भेज दिया गया है। आइए जानें कि यह एप कैसे गांवों को स्मार्ट बना सकता है।
मोबाइल एप से मिलेगी यह सहूलियत
किसी ग्राम पंचायत में स्कूल, शौचालय, खेल के मैदान कहां बने और खड़ंजा कहां बिछना है, जैसे कामों के लिए अब सरकारी महकमों और इनके मुलाजिमों को मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। बल्कि ये सब एप ही कोार्डिनेट करके बताएगा। इस तरह के कामों के लिए ट्रिपलआइटी के आइटी विभाग ने ग्राम पंचायत एप (स्पीकिंग जीईओ-जीपी असिस्टेंट एप) बनाया है।
अब जटिल प्रक्रिया का खत्म होगा झंझट
सरकारी योजनाएं बनने और क्रियान्वयन तक जटिल प्रक्रियाओं से गुजरती हैं। सर्वे और चिह्नांकन की प्रक्रिया में काफी समय भी लग जाता है। इस एप की मदद से इन कार्यों को जल्द किया जा सकेगा। प्रो. सिंह ने बताया कि शीर्ष स्तर (मंत्रालय या विभाग) पर बनने वाली योजनाएं समयबद्ध और सही ढंग से क्रियान्वित हों इस कार्य में यह एप बहुत मददगार होगा।
सूचना देने में सहायक होगा यह एप
जीआइएस ( जियोग्राफिकल इन्फार्मेशन सिस्टम) की मदद से यह नया एप सूचना देने में सक्षम होगा कि किस गांव में कहां स्कूल बनना है, खड़ंजा बिछना है अथवा गांव के विकास की बुनियादी जरूरतें क्या और कहां हैं। खास बात यह है कि यह एप भाषा की बाधाओं से मुक्त है। आप जिस भाषा में प्रश्न करेंगे, उसी भाषा में आपको जवाब मिलेगा। इस एप में सरकार के ग्रामपंचायत की प्लानिंग के सभी नियम भी अपलोड किए गए हैं।