आपको वार्षिक रिटर्न दाखिल करना है, आज पोर्टल पर अपलोड हो सकता है फार्म का नया प्रारूप Prayagraj News
संशोधन के बाद भी पोर्टल पर फार्म का नया प्रारूप अपलोड नहीं हो सका है। हालांकि व्यापारियों को आज के लिए उम्मीद बंधाई जा रही है। वार्षिक रिटर्न दाखिल करने को व्यापारी परेशान हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया करीब एक वर्ष से चल रही है। अब तक जीएसटी काउंसिल रिटर्न फार्म की दिक्कतों का समाधान नहीं कर सका। पिछले महीने काउंसिल ने रिटर्न फार्म में संशोधन तो किया परंतु फार्म का नया प्रारूप पोर्टल पर अपलोड नहीं हुआ। नया प्रारूप आज यानी शनिवार को पोर्टल पर उपलब्ध होने की काउंसिल ने उम्मीद जताई है। हालांकि व्यापारियों की समस्या यह है कि उन्हें 20 दिसंबर तक नवंबर का भी रिटर्न (खरीद-बिक्री) का लेखा-जोखा भरना है। ऐसे में वार्षिक के लिए सिर्फ 11 दिन का समय मिलेगा।
जीएसटीएन पोर्टल पर नया प्रारूप और ऑफलाइन टूल आज उपलब्ध होने की सूचना
दरअसल, वर्ष 2017-18 के वार्षिक रिटर्न भरने की तिथि शुरू में 31 दिसंबर-2018 तय थी। बाद में कई तिथियां बदली गईं। जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में इस तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर और फिर कुछ दिन पहले 31 दिसंबर कर दिया था लेकिन इस बीच जीएसटीआर-9 और जीएसटीआर-9 सी फार्म में बदलाव कर दिया गया। पहले जानकारी दी थी कि प्रारूप और ऑफलाइन टूल पोर्टल पर 10 दिसंबर तक उपलब्ध हो जाएगा लेकिन उक्त अवधि में संशोधित प्रारूप और ऑफलाइन टूल पोर्टल पर उपलब्ध नहीं हो सका। अब जीएसटीएन पोर्टल पर नया प्रारूप और ऑफलाइन टूल 14 को उपलब्ध होने की सूचना दी गई है।
मासिक रिटर्न फार्म 3-बी जमा करने की आखिरी तिथि 20 दिसंबर है
बता दें कि दो करोड़ रुपये के सालाना टर्न ओवर वाले व्यापारियों के लिए रिटर्न दाखिल करना स्वैच्छिक कर दिया गया है। फार्म 9-सी में ऑडिट रिपोर्ट भरनी है। कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि मासिक रिटर्न फार्म 3-बी जमा करने की आखिरी तिथि 20 दिसंबर है। ऐसे में व्यापारी पहले मासिक रिटर्न भरेगा। फिर उसके पास वार्षिक रिटर्न भरने के लिए सिर्फ 11 दिन समय बचेगा।
20 हजार से ज्यादा व्यापारियों का वार्षिक रिटर्न नहीं भरा जा सका
कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का दावा है कि 20 हजार से ज्यादा व्यापारियों का वार्षिक रिटर्न नहीं भरा जा सका है। इतने कम समय में वह रिटर्न कैसे भर सकेंगे? उनका कहना है कि काउंसिल साल भर में वार्षिक रिटर्न का माकूल समाधान नहीं कर सका। व्यापारियों से एक दिन भी रिटर्न दाखिल करने में विलंब हो जाता है तो उनसे जुर्माना, ब्याज समेत रिटर्न वसूला जाता है।