Energy Conservation: ऊर्जा खपत कम करने में एनसीआर को देश में मिला दूसरा स्थान

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2021 के लिए 408 आवेदनों में एनसीआर को दूसरे स्थान के लिए चुना गया है। 1991 से यह पुरस्कार दिया जा रहा है। पुरस्कार मिलने पर महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर मध्य रेलवे के लिए यह गर्व का विषय है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:30 AM (IST)
Energy Conservation: ऊर्जा खपत कम करने में एनसीआर को देश में मिला दूसरा स्थान
31वें राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार में उत्तर मध्य रेलवे को ट्रांसपोर्ट कैटेगरी में मिला दूसरा स्थान

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। 31वें राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार में उत्तर मध्य रेलवे को दूसरा स्थान मिला। ट्रांसपोर्ट कैटेगरी में एनसीआर ने यह उपलब्धि हासिल की। ऊर्जा खपत को कम करने की दिशा में शानदार कार्य करने पर यह पुरस्कार एनसीआर के खाते में आया। ब्यूरो आफ इंनर्जी एफीशिएंसी प्रत्येक वर्ष 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर एनर्जी इंटेंसिव इकाइयों की ऊर्जा खपत को कम करने में उनके असाधारण उपलब्धियों और प्रयासों के लिए यह पुरस्कार देता है। इस पुरस्कार की घोषणा मंगलवार की सुबह हुई। 14 दिसंबर को विज्ञान भवन नई दिल्ली में यह पुरस्कार ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव की थीम पर वितरित होगा।

ऊर्जा खपत कम करने में असाधारण प्रयासों के लिए मिलता है पुरस्कार

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2021 के लिए 408 आवेदनों में एनसीआर को दूसरे स्थान के लिए चुना गया है। 1991 से यह पुरस्कार दिया जा रहा है। पुरस्कार मिलने पर महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर मध्य रेलवे के लिए यह गर्व का विषय है। महाप्रबंधक ने इस उपलब्धि पर कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई दी और ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में गति बनाए रखने का आह्वान किया ।

एनसीआर ने ऊर्जा संरक्षण के लिए क्या किया

प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर सतीश कोठारी ने बताया कि एनसीआर में अबतक 11.03 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र चालू हैं। मिशन मोड में सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है। सोलर फोटो वोल्टाइक मॉड्यूल के माध्यम से एलसी गेटों का विद्युतीकरण, सभी रेलवे स्टेशनों, कारखानों, लोको शेडों, कार्यालयों, आवासीय क्वार्टरों में शत-प्रतिशत ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइटें लगी हैं। ऊर्जा दक्ष 3 स्टार और उससे अधिक स्तर वाले विद्युत उपकरण (एसी, वाटर कूलर, पंप, गीजर) का उपयोग, भवन/स्टेशनों/बिग लोड केंद्रों की स्टार रेटिंग, एचटी/एलटी पैनल में ऑटोमैटिक पावर फैक्टर करेक्शन पैनल, अनुबंध मांग की अधिकतम मांग के अनुरूप समीक्षा, विश्राम गृह, लाबी, विश्रामालय, अस्पताल, रनिंग रूम, कैंटीन, बेस किचन में पारंपरिक गीजरों को सोलर गीजर से बदला गया है। एलईडी स्टेशन का नाम बोर्ड और साइन बोर्ड, हाई मास्ट टावर-यार्ड लाइटिंग/स्ट्रीट लाइटिंग/सर्कुलेटिंग एरिया पर एस्ट्रोनॉमिकल टाइमर स्विच, लाइटिंग कंट्रोल के लिए ऑक्यूपेंसी सेंसर का उपयोग, लिफ्टों और एस्केलेटरों के लिए ऊर्जा कुशल वीवीवीएफ कंट्रोल का उपयोग, ऊर्जा दक्ष छत पंखे, 89% ट्रैक का विद्युतीकरण पूर्ण हुआ है। 3-फेज़ एसी इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में इनर्जी रीजनरेशन, एचओजी क्षमता वाले लोकोमोटिव के माध्यम से एलएचबी कोचों में हेड-ऑन-जेनरेशन (एचओजी) का प्रावधान हुआ है। 240 जोड़ी ट्रेनें एचओजी के साथ चल रही हैं, जिनमें से 22 जोड़ी रेक एनसीआर की हैं। 3-फेज़ लोकोमोटिव में इनर्जी रीजनरेशन से 2 करोड़ यूनिट विद्युत ऊर्जा राशि रु. 12 करोड़ प्रति माह की बचत हो रही है। इसके अलावा प्रमुख लोड केंद्र, टीएसएस और लोको में वेब आधारित ऊर्जा निगरानी प्रणाली लगाई गई है।

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