Narendra Giri Death Case: पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताएगी मौत कैसे हुई, जानें पोस्‍टमार्टम एक्‍सपर्ट की राय

Narendra Giri Suspicious Death पोस्टमार्टम एक्सपर्ट डाक्टर कहते हैं कि गले के सामने की हड्डी की आंतरिक स्थिति से यह स्पष्ट हो पाता है कि फांसी लगी या लगाई गई। अगर स्वयं फांसी लगाई तो गले में बगल और सामने की तरफ से रस्सी के निशान मिलते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 10:12 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 10:59 AM (IST)
Narendra Giri Death Case: पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताएगी मौत कैसे हुई, जानें पोस्‍टमार्टम एक्‍सपर्ट की राय
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के रहस्‍य का पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट आने पर पटाक्षेप होगा।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। Narendra Giri Death Case अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत संदिग्ध है। आत्महत्या या हत्या पर कयास लगाए जाते रहे। हालांकि यह राज पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही खोलेगी कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत कैसे हुई। मौत फांसी लगने से हुई, उन्होंने स्वयं लगाई या उन्हें फांसी लगाई गई, यह स्थिति भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो पाएगी।

महंत की मौत मामले में पुलिस विवेचना शुरू

महंत के आत्‍महत्‍या के मामले में विवेचक इंस्‍पेक्‍टर महेशन ने विवेचना शुरू कर दी है। सपा नेता इंदू मिश्रा को भी पूछताछ के लिए बुलाया। कहा जा रहा है कि इंदु ने ही नरेंद्र व आनंद गिरि के बीच समझौता कराया था। आज ही चश्मदीदों के बयान दर्ज होंगे। कल मठ में मौजूद सुमित तिवारी, सर्वेश द्विवेदी, धनंजय के बयान दर्ज होंगे। मामले में आनंद गिरि के ख़िलाफ़ एफआइआर दर्ज हुई है।

जानें, क्‍या कहते हैं पोस्‍टमार्टम के एक्‍सपर्ट

पोस्टमार्टम एक्सपर्ट डाक्टर कहते हैं कि गले के सामने की हड्डी महत्वपूर्ण होती है। इसी हड्डी की आंतरिक स्थिति से यह स्पष्ट हो पाता है कि फांसी लगी या लगाई गई। कहते हैं कि अगर किसी ने स्वयं फांसी लगाई तो गले में बगल और सामने की तरफ से रस्सी के निशान मिलते हैं। गला दबाकर हत्या किए जाने के मामले में गले के बाहर निशान आते हैं। यदि कोई दूसरा व्यक्ति किसी की गला दबाकर हत्या करता है तो गले की सामने की हड्डी ज्यादा टूटती है।

गुरु से हुई थी बात तब तो ठीक थे : संतोषदास सतुआ बाबा

खाक चौक व्यवस्था समिति के महामंत्री महामंडलेश्वर संतोष दास 'सतुआ बाबा' का कहना है कि सोमवार को दिन में लगभग 11.30 बजे उनकी गुरुजी (महंत नरेंद्र गिरि) से बात हुई थी। वह बताते हैैं कि इस बातचीत में कहीं कोई समस्या समझ में नहीं आई। कहीं से भी नहीं लगा कि कुछ घंटे बाद वह आत्महत्या कर लेंगे। यह घटना स्तब्ध करने वाली है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

तालिबान समर्थकों ने धर्मगुरुओं का किया था विरोध

महंत नरेंद्र गिरि ने हालिया बयान में तालिबान का समर्थन करने वाले मुस्लिम धर्मगुरुओं व नेताओं को आड़े हाथों लिया था। इससे वह सुर्खियों में आए थे। उन्होंने तालिबान का समर्थन करने वाले मुस्लिम धर्मगुरुओं को गद्दार करार देते हुए उनके खिलाफ सरकार से कार्रवाई करने की मांग की थी। महंत का यह बयान काफी चर्चा में था।

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