Anand Giri: 26 साल में ही गुमनाम लड़के आनंद के सितारे खूब चमके और अस्त भी हो गए
आनंद गिरि आज करीब 38 साल का हैं। अतीत पर नजर दौड़ाएं तो बाघम्बरी गद्दी के मठाधीश्वर नरेंद्र गिरि उसे 12 साल की उम्र में हरिद्वार आश्रम से प्रयागराज के बाघम्बरी मठ लाए थे। यहीं उसने शिक्षा पूरी की और गुरु नरेंद्र गिरि के निकटतम लोगों में शामिल हो गया
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। समय की चाल कोई नहीं समझ सकता। सितारे कब गर्दिश में आ जाएं कहना कठिन है। इसका जीता जागता उदाहरण आनंद गिरि है। कभी योग गुरु के रूप में पूरी दुनिया में ख्याति थी। आज संगीन आरोपों से घिरकर कचहरी के कटघरे में खड़ा होना पड़ा और कोर्ट ने सलाखों के पीछे भेज दिया। इस बुलंदी और गर्दिश में 26 साल लगे।
12 साल की उम्र में हरिद्वार आश्रम से प्रयागराज के बाघम्बरी मठ आया था
आनंद गिरि आज करीब 38 साल का हैं। अतीत पर नजर दौड़ाएं तो बाघम्बरी गद्दी के मठाधीश्वर नरेंद्र गिरि उसे 12 साल की उम्र में हरिद्वार आश्रम से प्रयागराज के बाघम्बरी मठ लेकर आए थे। यहीं रहकर उसने अपनी शिक्षा पूरी की और गुरु नरेंद्र गिरि के निकटतम लोगों में शामिल हो गया। खास बात यह कि महंत नरेंद्र गिरि को बड़ा महाराज तो आनंद को छोटा महाराज कहा जाने लगा। राजस्थान के भीलवाड़ा के रहने वाला आनंद यहीं पर औपचारिक रूप से श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में शामिल हुआ। इसी बीच संस्कृत, आयुर्वेद और वेदों का अध्ययन करते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से स्नातक की उपाधि ली। धीरे धीरे योग गुरु के रूप में भी स्थापित हो गया। देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अतिथि वक्ता के रूप में भी बुलाया जाने लगा। ख्याति बढ़ी तो विदेशों में भी जाने लगा। यहीं से शुरू होता है विवादों से नाता। अपने गुरु नरेंद्र गिरि को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की, गंभीर आरोप भी लगाए। इन्हीं बातों को लेकर मठ से भी निष्काशन हुआ।
लग्जरी गाडिय़ों के साथ वायरल हुई थी तस्वीर
योग गुरु के रूप में पहचान बनने पर आनंद की लग्जरी गाडिय़ों के साथ सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हुई थीं। खास बात यह कि गैर तपस्वी जीवन शैली के लिए कड़ी आलोचना हुई। उन्हीं दिनों में उसकी एक और तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें वह शराब के ग्लास के साथ बिजनेस क्लास में सफर करते दिख रहा था। हालांकि बाद में ग्लास में सेब का रस बताकर आरोपों को खारिज कर दिया गया था। इसके अतिरिक्त 2017 में भी वह चर्चा में आया। सिडनी पुलिस ने मई 2019 में उसे गिरफ्तार भी किया। वजह, 2016 और 2018 में उनके खिलाफ दो महिलाओं के साथ अनुचित व्यवहार करने का मामला दर्ज हुआ था। यहां तक कि आस्ट्रेलिया की अदालत में भी पेश होना पड़ा था। यह भी सच है कि बाद में बरी कर दिया गया था। इस प्रकरण में नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य का समर्थन किया था।
परिवार के साथ संबंध जारी रखने का लगा था आरोप
आनंद पर अपने परिवार के साथ संबंध जारी रखने का भी आरोप लग चुका है। जबकि संत परंपरा के अनुसार ऐसा नहीं होना चाहिए था। इसके अतिरिक्त वित्तीय अनियमितता का भी आरोप लगा था। इसकी पुष्टि उस समय अखाड़े के सचिव महंत स्वामी रवींद्र पुरी ने की थी। इसके बाद आनंद गिरि को बाघंबरी मठ और निरंजनी अखाड़ा से भी निष्कासित कर दिया गया था। इसीक्रम में आनंद ने अपने गुरु पर मठ की संपत्ति बेचने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। उसके समर्थकों ने इंटरनेट मीडिया पर नरेंद्र गिरि के खिलाफ अभियान भी चलाया था। बाद में कुछ लोगों की मध्यस्थता से विवाद पर विराम लगा। आनंद ने औपचारिक रूप से नरेंद्र गिरि और पंच परमेश्वर से माफी मांगी। नरेंद्र गिरि ने उसे माफ भी कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि बड़े हनुमान मंदिर और बाघंबरी मठ में प्रवेश पर जो प्रतिबंध लगा था वह हट गया।