Narendra Giri News: अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी हटाए गए, हो सकते हैं निलंबित
Narendra Giri News नरेंद्र गिरि को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली थी। इसमें पीएसओ हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल समेत कुल 11 जवानों की टीम होती है। हालांकि जब नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर आत्महत्या कीतब वहां कोई सिपाही मौजूद नहीं था।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। महंत की सुरक्षा में लगे सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर गोपनीय ढंग से जांच भी शुरू कर दी गई है। कहा जा रहा है कि अगर पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आती है तो उन्हें निलंबित किया जा सकता है।
महंत नरेंद्र गिरि को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली थी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नरेंद्र गिरि को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। इसमें पीएसओ, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल समेत कुल 11 जवानों की टीम होती है। इस श्रेणी की सुरक्षा वीआइपी को दी जाती है। महंत की सुरक्षा के लिए एक-एक सिपाही की आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में ड्यूटी थी। कहा जा रहा है कि नियमानुसार वीआइपी के आराम करने अथवा सोने दौरान भी उनके कमरे के बाहर एक सुरक्षा गार्ड की तैनाती रहनी चाहिए। हालांकि जब नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर आत्महत्या की,तब वहां कोई सिपाही मौजूद नहीं था।
गनर को लेकर आश्रम में चर्चा है
प्रारंभिक जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि महंत आराम करने के दौरान सुरक्षा गार्ड को शयन कक्ष के पास से हटा देते थे लेकिन जिस पुलिसकर्मी की ड्यूटी थी, उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। नरेंद्र गिरि को गनर, गार्ड के साथ ही स्काट भी मिला था, जो कहीं आने-जाने पर साथ चलता था। गनर अजय सिंह को लेकर भी आश्रम में कई तरह की चर्चा हो रही है। साथ ही अन्य पुलिसकर्मियों के बारे अलग-अलग बातें कही जा रही हैं।
बोले आइजी केपी सिंह
इस संबंध में आइजी केपी सिंह का कहना है कि महंत की सुरक्षा में लगे जवानों को हटा दिया गया है। सुरक्षा में लापरवाही को लेकर विभागीय स्तर पर जांच हो रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।