Narendra Giri जानते थे शिष्य आनंद गिरि के आस्ट्रेलिया कांड का सच, मगर राज अब दफन
महंत नरेंद्र गिरि का दावा था कि लड़कियों के बयान बदलने पर आनंद गिरि को राहत मिली थी और न्यायालय से उनकी जमानत मंजूर हो पाई थी। आनंद गिरि को आस्ट्रेलिया की सिडनी पुलिस ने शिष्याओं से अमर्यादित व्यवहार के गंभीर आरोप में चार जून 2019 को गिरफ्तार किया था।
प्रयागराज, जेएनएन। महंत नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे कारणों पर कयास का दौर शुरू हुआ है। महंत की मौत के पीछे का सच क्या है, आखिर किस हालात में उनकी मौत हो गई, उन्होंने शिष्य से आजिज आकर खुद फांसी लगा ली या इस घटना के पीछे कोई बड़ा राज है, क्य है सच, क्या हुआ था, कैसे हुआ था, सब राज है, रहस्य है। और महंत की मौत के साथ ही एक और रहस्य दफन हो गया है, वो है कभी उनके चहेते शिष्य रहे आनंद गिरि की आस्ट्रेलिया की कारगुजारियों का सच। उस किस्से में आस्ट्रेलिया में महंत के इस छबीले शिष्य योग गुरु स्वामी आनंद गिरि की गिरफ्तारी व उससे जुड़े वाकये की कहानी भी अहम है। दरअसल नरेंद्र गिरि को ही पता था कि वहां वास्तविक घटना क्या हुई थी और आनंद गिरि की उसमें क्या भूमिका थी। ऐसा कहा जाता है कि महंत को जानकारी मिली थी कि आनंद का वहां क्या किस्सा था, अब सब दफन। तो आखिर महंत की इस आकस्मिक मौत के पीछे कौन हो सकता है। किसका राज था उनके सीने में दफन। कौन है उनकी मौत का असल जिम्मेदार, यही तो राज है...
कुछ और ही था कंगारू देश का सच
महंत नरेंद्र गिरि का दावा था कि लड़कियों के बयान बदलने पर आनंद गिरि को राहत मिली थी और न्यायालय से उनकी जमानत मंजूर हो पाई थी। आनंद गिरि को आस्ट्रेलिया की सिडनी पुलिस ने शिष्याओं से अमर्यादित व्यवहार के गंभीर आरोप में चार जून 2019 को गिरफ्तार किया था। उन्हें रिहा कराने के लिए महंत नरेंद्र गिरि ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। इस मामले में जितने मुंह उतनी बातें हुई थीं। लेकिन सिडनी में शिष्याओं से अमर्यादित व्यवहार सभी चर्चा का केंद्र बिंदू था। विगत 14 मई को आनंद गिरि को जब अखाड़ा परिषद और बंधवा स्थित बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी से बर्खास्त किया गया था उस शाम महंत नरेंद्र गिरि ने दैनिक जागरण से दूरभाष पर हुई बातचीत में कहा था कि आनंद गिरि का व्यवहार संत परंपरा से बदल गया है। आस्ट्रेलिया में उनका चरित्र ठीक नहीं था। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि लड़कियों ने बयान कैसे बदला यह राज कोई मुझसे पूछे। जाहिर है शिष्य आनंद गिरि की चाल, चरित्र और चेहरा के एकमात्र गवाह महंत नरेंद्र गिरि ही थे। उनकी मौत के बाद पुलिस की विवेचना में कई राज खुलने वाले हैं क्योंकि इस संसार में अब आनंद गिरि का वह सुरक्षा कवच नहीं रहा जिसकी आड़ में उन्हें पनाह मिलती थी और जोगिया वस्त्र का रंग वास्तव में सनातनी था असलियत कुछ और है। मगर तब भी सवाल यही है कि क्या सच सामने आ पाएगा....