Narendra Giri Death Case: तीन दिन से परेशान थे महंत नरेंद्र गिरि, मोबाइल मेें कैद हैं कई राज

Narendra Giri Death Case मठ से जुड़े एक शिष्य ने बताया कि अचानक... सब नाश हो गया...। इसके बाद वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं था। थोड़ी देर बाद सामान्य होने पर उसने बताया कि तीन दिन से महराज जी के स्वभाव में कुछ बदलाव आया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 12:59 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 12:59 PM (IST)
Narendra Giri Death Case: तीन दिन से परेशान थे महंत नरेंद्र गिरि, मोबाइल मेें कैद हैं कई राज
शिष्‍य बोला, पिछले तीन दिन से भरोसेमंद शिष्‍य अभय को भी महंत नरेंद्र गिरि हर बात पर टोकने लगे थे।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सुबह के 4:30 बज चुके थे। अल्लापुर स्थित मठ बाघंबरी गद्दी पर सन्नाटा पसरा हुआ था। मठ के मुख्य द्वार पर पुलिसकर्मी कुर्सियां लगाकर बैठे थे। एक घंटे बाद गलियों से लोग निकले तो मुख्य द्वार के समाने शीश झुकाते हुए आगे बढ़ जाते। कुछ ही देर में चिड़ियों की चहचहाहट ने सन्नाटे को तोड़ा। मठ के भीतर से कुछ शिष्य बाहर निकले तो वह केवल आपस में बातें करते दिखे। करीब जाने पर वह शांत हो गए। कुछ ही देर में मठ में शिष्यों के आने का सिलसिला शुरू हो गया।

जिस कमरे में पार्थिव शरीर था, किसी को जाने की अनुमति नहीं

मठ के भीतर बने हाल में एक फ्रिज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव रखा गया था। जिस कमरे में पार्थिव शरीर रखा गया था। इस कमरे में किसी को जाने की अनुमति नहीं थी। यहां पार्थिव शरीर के पास कुछ शिष्य बैठे थे। सबने चुप्पी साधे थी। लंबे समय से मठ से जुड़े एक शिष्य ने बताया कि अचानक... सब नाश हो गया...। इसके बाद वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं था। थोड़ी देर बाद सामान्य होने पर उसने बताया कि तीन दिन से महराज जी के स्वभाव में कुछ बदलाव आया था। उसने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि के साथ हमेशा उनका भरोसेमंद शिष्य अभय द्विवेदी रहता था। वह मठ में कहीं भी रहे, उसके लिए कोई भी रोकटोक नहीं करता था। पिछले तीन दिन से अभय को भी वह हर बात पर टोकने लगे थे। दो दिन पहले अभय नीचे के कमरे में लेटा तो उसे उन्होंने ऊपर के कमरे में भेज दिया था।

आखिर किससे मिलने के बाद हुई घटना

शिष्य ने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि दोपहर में भोजन करने के बाद विश्राम करने चले गए। इसके बाद वह नीचे आए और सबको हटा दिया। उन्होंने कहा कोई मिलने आ रहा है। गोपनीय बात करनी है। इसके बाद वहां से निकलकर वह कमरे में गए और बाहर नहीं निकले। तब सुमित नाम का शिष्य कमरे के पास पहुंचा और दो बार दरवाजा खटखटाया। कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर उसने खिड़िकी से झांकने का प्रयास किया तो खिड़की बंद थी। इस पर उसने दो बाद फोन किया। फोन नहीं उठा तो संदेह होने पर उसने धक्का देकर दरवाजा तोड़ दिया। अंदर देखा तो फंदे पर महंत नरेंद्र गिरि का शव लटक रहा था। उसने फौरन आइजी केपी सिंह को फोनकर जानकारी दी। इसके बाद शव को नीचे उतारा।

मोबाइल से खुल सकते हैं कई राज

शिष्य ने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि मोबाइल ज्यादा नहीं चलता थे। उन्होंने घटना से कुछ घंटे पहले एक वीडियो भी बनाया। हालांकि, उस वीडियो को उन्होंने कहीं पर शेयर नहीं किया है। उस वीडियो में उन्होंने कई अहम बातें कही हैं। आइजी ने मोबाइल को अपने कब्जे में ले लिया है। शिष्य ने यह भी बताया कि महराज जी कभी भी खुद से कुछ लिखते ही नहीं थे। ऐसे में वह आठ पेज का सुसाइड नोट कैसे लिख लेंगे।

एसएसपी ने कई लोगों से की पूछताछ

सुबह तकरीबन आठ बजे एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी पहुंचे। बाद में डीएम संजय कुमार खत्री, आइजी केपी सिंह समेत अन्य कई तमाम अफसर पहुंचे। एसएसपी ने मठ के अलग-अलग हिस्सों का जायजा लिया। इस दौरान वहां मौजूद कई शिष्यों और कर्मचारियों से पूछताछ भी की। कुछ देर बाद मेजा से भाजपा विधायक नीलम करवरिया, सांसद रीता जोशी, महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी समेत कई सियासी दिग्गज और धर्माचार्य भी मठ पहुंचे और श्रद्धांजलि दी।

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