Narendra Giri: महंत के खिलाफ रची जा रही थी साजिश, आखिर किसने बनाया था उनका फर्जी ट्विटर हैंडल

Narendra Giri अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के पास स्मार्ट फोन था लेकिन वह वाट्सएप फेसबुक ट्विटर का प्रयोग नहीं करते थे। इसके बावजूद महंत नरेंद्र गिरि नाम से ट्विटर हैंडल चल रहा था। उसमें 291 फालोवर थे। कई ट्वीट भी किए गए थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:21 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:21 AM (IST)
Narendra Giri: महंत के खिलाफ रची जा रही थी साजिश, आखिर किसने बनाया था उनका फर्जी ट्विटर हैंडल
महंत नरेंद्र गिरि वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर का प्रयोग नहीं करते थे। उनके नाम से ट्विटर हैंडल चल रहा था।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के खिलाफ साजिश रची जा रही थी। महंत नरेंद्र गिरि के नाम का फर्जी ट्विटर हैंडल भी बनाया गया था। दैनिक जागरण में छह सितंबर को इस संबंध में खबर भी प्रकाशित थी। इसी दिन नरेंद्र गिरि ने एफआइआर भी दर्ज करवाई थी, लेकिन अब तक यह बात सामने नहीं आई है कि किसने ऐसा किया था।

नरेंद्र गिरि के ट्विटर हैंडल पर 291 फालोवर भी थे

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के पास स्मार्ट फोन था, लेकिन वह वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर का प्रयोग नहीं करते थे। इसके बावजूद 'महंत नरेंद्र गिरि' नाम से ट्विटर हैंडल चल रहा था। उसमें 291 फालोवर थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फालो किया जा रहा था। कई ट्वीट भी किए गए थे।

दो राज्‍यों की सरकारों को चेतावनी भी दी गई थी

पांच सितंबर को इसी टि्वटर हैंडल से महाराष्ट्र के पालघर में दो साल पहले जूना अखाड़ा के दो महात्माओं की पीट-पीट कर मारने और राजस्थान के करौली में पुजारी को जिंदा जलाने की घटना की जांच से जुड़ा ट्वीट कर दोनों प्रदेशों की सरकारों से जानकारी मांगी गई। चेतावनी दी गई कि संतों को न्याय नहीं मिला तो बड़ी संख्या में राजस्थान व महाराष्ट्र कूच करेंगे। जब दैनिक जागरण ने महंत नरेंद्र गिरि को यह बताया तब उन्होंने कहा था कि वह ट्विटर नहीं चलाते, न ही उन्होंने किसी को टवीट करने के लिए अधिकृत किया है।

किसके पास थे कितने मोबाइल नंबर, हो रही जांच

महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में मोबाइल नंबर खास हो गए हैैं। महंत नरेंद्र गिरि के दो मोबाइल को पुलिस ने कब्जे में लिया है। आरोपित आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी के मोबाइल को भी जांच के लिए कब्जे में लिया गया है। इससे इतर यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपितों के पास पर्सनल मोबाइल नंबर कितने थे, जिससे वह चुनिंदा लोगों से बातचीत करते थे।

एसआइटी को उम्‍मीद कि मोबाइल नंबरों से मिलेगी जांच में मदद

पुलिस सूत्रों के अनुसार आनंद गिरि के दो, आद्या और संदीप तिवारी के पास के एक-एक मोबाइल नंबर मिले हैं। हालांकि इनके कुछ पर्सनल मोबाइल नंबर भी हैं, जिनके बारे में एसआइटी गोपनीय तरीके से पता लगा रही है। यह ऐसे नंबर हैं, जिनसे चुनिंदा लोगों से ही बातचीत की जाती थी। यह नंबर बेहद कम लोगों को ही पता था। ये नंबर कौन हैं और सिम किस मोबाइल में लगाकर इस्तेमाल किया जाता था, इसका पता लगाया जा रहा है। एसआइटी को उम्मीद है कि जांच में मोबाइल नंबरों से उनको काफी मदद मिलेगी।

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