सपा से नजदीकियों के लिए हमेशा चर्चा में रहे नरेंद्र गिरि

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि सपा से नजदीकियों के लिए हमेशा चर्चा में रहे। 2012 से लेकर 2017 तक अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री रहे तब अक्सर महंत की उनसे मुलाकात होती थी। अखिलेश हमेशा उनके द्वारा रखी गई बातों को गंभीरता से लेते थे। उस पर अमल होता था। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से उनकी जितनी नजदीकियां थीं उतने ही वह शिवपाल सिंह यादव के भी करीबी रहे। नई पार्टी बनाने के बाद भी शिवपाल जितनी बार प्रयागराज आए अधिकांश बार नरेंद्र गिरि से मिले।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 04:06 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 04:06 AM (IST)
सपा से नजदीकियों के लिए हमेशा चर्चा में रहे नरेंद्र गिरि
सपा से नजदीकियों के लिए हमेशा चर्चा में रहे नरेंद्र गिरि

प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि सपा से नजदीकियों के लिए हमेशा चर्चा में रहे। 2012 से लेकर 2017 तक अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री रहे, तब अक्सर महंत की उनसे मुलाकात होती थी। अखिलेश हमेशा उनके द्वारा रखी गई बातों को गंभीरता से लेते थे। उस पर अमल होता था। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से उनकी जितनी नजदीकियां थीं, उतने ही वह शिवपाल सिंह यादव के भी करीबी रहे। नई पार्टी बनाने के बाद भी शिवपाल जितनी बार प्रयागराज आए, अधिकांश बार नरेंद्र गिरि से मिले।

कुंभ मेले में स्नान के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फरवरी माह में जब संगम नगरी आए थे तो पहले वह महंत नरेंद्र गिरि से मिलने गए थे। अखिलेश ने जब संगम में स्नान किया था तो नरेंद्र गिरि ने उन्हें पूजा अर्चना कराई थी। स्नान के दौरान भी वह उनके साथ थे। यह मुलाकात भाजपा के शीर्ष नेताओं को पसंद नहीं आई थी। इसको लेकर तंज भी कसा गया था लेकिन, महंत ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी थी। शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी से जब नाता तोड़कर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई तो उसके बाद भी वह प्रयागराज आने पर महंत से जरूर मिलते थे। कुंभ मेले के दौरान शिवपाल सिंह 31 जनवरी को प्रयागराज आए थे। शिवपाल पहले बाघम्बरी गद्दी गए थे। वहां पर उन्होंने नरेंद्र गिरि से करीब आधे घंटे बंद कमरे में बातचीत की थी। उसके बाद वह स्नान करने के लिए संगम गए थे। बाघम्बरी गद्दी की जमीन को लेकर जो विवाद चल रहा था, उसको सुलझाने में शिवपाल सिंह यादव ने अहम भूमिका निभाई थी। उस समय सपा की सरकार थी।

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चाचा-भतीजे के विवाद को सुलझाने के लिए माना जा रहा था अहम

अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव में जब दूरियां ज्यादा बढ़ गई थीं तो उसे सुलझाने के लिए महंत नरेंद्र गिरि को भी अहम माना जा रहा था। क्योंकि कुंभ मेले के दौरान अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव उनसे मिले तो यह अटकलें लगाई जा रही थी कि शायद वह दोनों के विवाद को सुझलाने में सहयोग करेंगे। मगर ऐसा हो नहीं सका था। क्योंकि शिवपाल अखिलेश से बहुत नाराज थे। शिवपाल ने तब कहा था कि अगर अब नेता जी भी उन्हें बुलाएंगे तो वह वापस सपा में नहीं जाएंगे।

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