वनस्‍पति घी व सरसों तेल का दाम बढ़ा, पामोलीन और रिफाइंड की कीमतों में आई कमी

सरसाें तेल व वनस्‍पति घी का रेट फिर बढ़ गया है। पिछले सप्ताह भी इनकी कीमतों में तेजी हुई थी। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष का कहना है कि कंपनियां दाम बढ़ाती जा रही हैं। हालांकि दाम में वृद्धि की खास वजह नहीं बताई जाती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 12:21 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 08:30 AM (IST)
वनस्‍पति घी व सरसों तेल का दाम बढ़ा, पामोलीन और रिफाइंड की कीमतों में आई कमी
वनस्‍पति घी के साथ ही अब सरसों तेल के दाम में और भी वृद्धि हुई है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सरसों तेल और वनस्‍पति घी (डालडा) की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला जारी है। इस सप्ताह सरसों तेल और वनस्‍पति घी की कीमतों में फिर उछाल आया है। सरसों तेल का थोक दाम 15 किलो के टिन पर 60 रुपये बढ़ गया है। वहीं वनस्‍पति घी के दाम में भी 15 किलो टिन पर 60 रुपये की वृद्धि हुई है। अब सरसों तेल का दाम बढ़कर 2800 रुपये और वनस्‍पति घी का रेट चढ़कर 1900 रुपये 15 किलो का टिन हो गया है। इससे फुटकर दाम में भी तेजी होना तय है।

सरसों तेल, वनस्‍पति घी, रिफाइंड और पामोलीन का थोक भाव

रिफाइंड और पामोलिन की कीमतों में कमी हुई है। रिफाइंड का दाम (15 लीटर टिन) 2260 रुपये और पामोलीन का रेट (15 किलो टिन) 2150 रुपये टिन है। पिछले सप्ताह भी सरसों तेल और डालडा की कीमतों में तेजी हुई थी। सरसों तेल का थोक रेट (15 किलो टिन) 2740 रुपये, रिफाइंड का रेट (15 लीटर टिन) 2300 रुपये, पामोलीन का दाम (15 किलो टिन) 2160-2170 रुपये हो गया था। वनस्‍पति घी का दाम (15 किलो टिन) 1840 रुपये हो गया था।

पिछले सप्‍ताह खाद्य तेलों का रेट

पिछले महीने के आखिरी दिनों में पामोलीन का दाम (15 किलो टिन) 2120 रुपये और वनस्‍पति घी का रेट (15 किलो टिन) 1820 रुपये हो गया था। हालांकि शुरुआत के दिनों में सरसों के तेल का थोक रेट 2660 रुपये, रिफाइंड का दाम 2280 रुपये, पामोलिन का दाम 2160 रुपये और वनस्‍पति घी का रेट 1800 रुपये टिन हो गया था। पिछले सप्ताह फुटकर में सरसों तेल का दाम 165 से 170 रुपये किलो, रिफाइंड का दाम 155 से 160 रुपये लीटर और पामोलीन का रेट 120 से 125 रुपये किलो के आसपास था।

गल्‍ला तिलहन व्‍यापार मंडल अध्‍यक्ष ने यह कहा

इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि कंपनियां दाम बढ़ाती जा रही हैं। हालांकि दाम में वृद्धि की खास वजह नहीं बताई जाती है।

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