सरसों तेल, रिफाइंड और पामोलीन का फिर बढ़ा दाम, वनस्‍पति घी के रेट में भी तेजी, फुटकर रेट भी बढ़ेगा

फुटकर में सरसों तेल का दाम 165 से 170 रुपये किलो हो गया है। वहीं रिफाइंड का दाम 155 से 160 रुपये लीटर है और पामोलिन का रेट 120 से 125 रुपये किलो के आसपास है। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष के अनुसार कंपनियां दाम बढ़ा रही हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 05:50 PM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 05:50 PM (IST)
सरसों तेल, रिफाइंड और पामोलीन का फिर बढ़ा दाम, वनस्‍पति घी के रेट में भी तेजी, फुटकर रेट भी बढ़ेगा
खाद्य तेलों और डालडा की कीमतों में एक बार फिर तेजी हुई है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कुछ दिनों से खाद्य तेलों यानी सरसों तेल, पामोलीन और रिफाइंड के साथ ही  डालडा की कीमतों में तेजी का रुख है। अब खाद्य तेलों और डालडा की कीमतों में फिर वृद्धि हुई। सरसों के तेल का थोक रेट चढ़कर (15 किलो टिन) 2740 रुपये, रिफाइंड का रेट (15 लीटर टिन) 2300 रुपये, पामोलिन का दाम (15 किलो टिन) 2160-2170 रुपये हो गया। डालडा का दाम (15 किलो टिन) 1840 रुपये हो गया। इससे फुटकर रेट में भी वृद्धि होना तय है।

कुछ दिनों पहले पामोलिन का दाम (15 किलो टिन) 21 सौ से बढ़कर 2120 रुपये और डालडा का रेट (15 किलो टिन) 18 सौ से चढ़कर 1820 रुपये हो गया था। पिछले महीने सरसों तेल का थोक रेट (15 किलो टिन) 2655 से बढ़कर 2660 रुपये, रिफाइंड का दाम (15 लीटर टिन) चढ़कर 2270 से 2280 रुपये हो गया। इसी प्रकार  पामोलिन का दाम (15 किलो टिन) बढ़कर 2160 रुपये और डालडा का रेट (15 किलो टिन) 1800 रुपये हो गया था। बाद में सरसों तेल का थोक रेट (15 किलो टिन) 2670 से 2680 रुपये, रिफाइंड (15 लीटर टिन) 2290 रुपये और पामोलिन का रेट (15 किलो टिन) 2170 रुपये हो गया था।

पिछले महीने के आखिरी दिनों में सरसों तेल का थोक रेट (15 किलो टिन) 27 सौ रुपये, रिफाइंड का दाम (15 लीटर टिन) 2260-70 रुपये और पामोलिन का रेट (15 किलो टिन) 2100 रुपये हो गया था। इसी क्रम में डालडा का रेट (15 किलो टिन) 1800 रुपये हो गया था। अब इन खाद्य तेलों की कीमतों में फिर तेजी का रुख हो गया है।

फुटकर में सरसों तेल का दाम 165 से 170 रुपये किलो, रिफाइंड का दाम 155 से 160 रुपये लीटर और पामोलिन का रेट 120 से 125 रुपये किलो के आसपास है। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि कंपनियां दाम बढ़ा रही हैं। हालांकि इसकी सही वजह सामने नहीं आ रही है।

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